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आज विश्व कैंसर दिवस : प्राथमिक लक्ष्य-बीमारी के कारण होने वाली मौतों को कम करना

विश्व कैंसर दिवस : प्राथमिक लक्ष्य बीमारी के कारण होने वाली मौतों को कम करना
सीएन, नैनीताल।
विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी को कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। विश्व कैंसर दिवस, 2008 में लिखे गए विश्व कैंसर घोषणा के लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (यूआईसीसी) के नेतृत्व में कार्यरत है। विश्व कैंसर दिवस का प्राथमिक लक्ष्य कैंसर और बीमारी के कारण होने वाली मौतों को कम करना है। बहुत से लोग कैंसर को दूर करने के लिए आध्यात्मिकता का भी सहारा लेते हैं।1933 में अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने स्विट्जरलैंड में जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया। यह दिवस कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने, लोगों को शिक्षित करने, इस रोग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दुनिया भर में सरकारों और व्यक्तियों को समझाने तथा हर साल लाखों लोगों को मरने से बचाने के लिए मनाया जाता है। 2014 में इसे विश्व कैंसर घोषणा के लक्ष्य 5 पर केंद्रित किया गया है जो कैंसर के कलंक को कम और मिथकों को दूर करने से संबंधित है। वर्तमान में, दुनिया भर में हर साल 76 लाख लोग कैंसर से दम तोड़ते हैं जिनमें से 40 लाख लोग समय से पहले (30-69 वर्ष आयु वर्ग) मर जाते हैं। इसलिए समय की मांग है कि इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ कैंसर से निपटने की व्यावहारिक रणनीति विकसित करना है। वर्ष 2025 तक, कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों के बढ़कर प्रति वर्ष 60 लाख होने का अनुमान है। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2025 तक कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों में 25 प्रतिशत कमी के लक्ष्य को हासिल किया जाए तो हर साल 15 लाख बचाए जा सकते हैं।
भारत में कैंसर की बहुत बड़ी समस्या
भारत वर्तमान में एक महामारी से जूझ रहा है, जो कोविड19 से भी ज्यादा घातक है, और वो है कैंसर। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, दस में से एक भारतीय को कैंसर का पता चलता है, और 15 में से 1 की इससे मृत्यु हो जाती है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा प्रस्तुत शोध से पता चलता है कि भारत में 2025 तक कैंसर के मामलों में सात गुना वृद्धि होने की संभावना है। इसकी सबसे बड़ी वजह है, बढ़ता हुआ वायु प्रदूषण और लोगों का खराब लाइफस्टाइल। हालांकि भारत में कुछ कैंसर कॉमन है।
कैंसर के 8 साइलेंट संकेत
कहा जाता है कि समय पर कैंसर का जल्द पता लगना ही उसके इलाज की पहली सीढ़ी है। प्रारंभिक अवस्था में बीमारी का निदान करने के लिए नियमित जांच सबसे अच्छा तरीका है। आपको विभिन्न कारणों से खांसी हो सकती है। एक वायरल इंफेक्शन, अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और यहां तक कि गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज भी लगातार खांसी का कारण बन सकती है।  हालांकि, एक तीव्र लगातार बिगड़ती खांसी फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकती है।  इस दौरान गला लगातार साफ करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है। बाद में खांसी में खून भी आ सकता है।शरीर में अचानक उभरने वाली गांठ चिंताजनक हो सकती हैं। हालांकि सभी गांठें कैंसर नहीं होती हैं। बड़ी, कठोर, स्पर्श करने पर दर्द रहित गांठ और अचानक सूजन इसके संकेत हो सकते हैं। कैंसर की गांठ धीरे-धीरे आकार में बढ़ती है और शरीर के बाहर से महसूस की जा सकती है ये स्तन, अंडकोष, या गर्दन में, बांहों और पैरों में भी दिखाई दे सकते हैं। 

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