Connect with us

विधि

अतीक-अशरफ हत्याकांड : एससी का सरकार से सवाल-भाइयों की परेड क्‍यों करवाई

अतीक-अशरफ हत्याकांड : एससी का सरकार से सवाल-भाइयों की परेड क्‍यों करवाई
सीएन, नईदिल्ली।
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच की मांग से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट तीन हफ्ते बाद सुनवाई करेगा। याचिका में पुलिस की मौजूदगी में अतीक-अशरफ की हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि माफिया भाइयों अतीक और अशरफ को ले जा रही गाड़ी को सीधे अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया? इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि उन्होंने इस मामले की जांच के लिए एक आयोग नियुक्त किया है। योगी आदित्यनाथ सरकार को प्रयागराज में मोती लाल नेहरू अस्पताल के पास 15 अप्रैल को हुई शूटिंग की जांच के लिए अब ​तक उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए एक व्यापक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, ‘हलफनामे में पहले हुई घटनाओं के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में भी बताना होगा और न्यायमूर्ति डॉ चौहान आयोग की रिपोर्ट के अनुसार क्या कदम उठाए गए, इसके बारे में भी जानकारी देनी होगी। यूपी सरकार तीन सप्ताह के बाद इन्हें सूचीबद्ध कर सकती है। याचिकाकर्ता ने यूपी सरकार के जांच आयोग पर सवाल उठाया और कहा कि इस हत्याकांड में राज्य सरकार की भूमिका भी संदेह के दायरे में है. माफिया ब्रदर्स को पत्रकारों की भेष में आए तीन हमलावरों ने मीडिया कर्मियों और पुलिस भी मौजूदगी में पॉइंट-ब्लैंक रेंज से गोली मार दी थी। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार ने अतीक और अशरफ की हत्या की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। हत्याकांड के तीनों आरोपी अरुण मौर्य, सन्नी सिंह और लवलेश तिवारी को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया था। अहमद बंधुओं को 16 अप्रैल को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से मामले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कोर्ट ने असद एनकाउंटर पर हलफनामा भी मांगा है। कोर्ट यूपी सरकार से यह भी पूछा कि विकास दुबे एनकाउंटर के बाद पुलिस कामकाज को लेकर जस्टिस बीएस चौहान की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने घटना टीवी पर देखी है। दोनों को गाड़ी से सीधे अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया। उनकी परेड क्यों कराई जा रही थी। अब मामले में तीन हफ्ते बाद जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच सुनवाई करेगी। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में पक्ष रखा।

More in विधि

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING