विधि
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई फिर टली
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई फिर टली
सीएन, नईदिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी मामले में हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई है। प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा समय मांगे जाने के बाद कोर्ट ने कुछ देर के लिए सुनवाई टाल दी है। जानकारी हो कि ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल ने निचली अदालत में याचिका दाखिल की थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई की जिसमें एएसजी एसवी राजू ने केजरीवाल की याचिका पर विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। वकील राजू ने कहा कि उन्हें याचिका की प्रति कल ही मिली है। दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे खारिज कर दिया था जिसके कुछ घंटों के बाद ही ईडी की टीम ने पूछताछ की और अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में 21 मार्च की रात को गिरफ्तार किया गया है और स्थानीय अदालत ने उन्हें 28 मार्च तक पूछताछ के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है। याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव ने जनहित याचिका में कहा है कि मुख्यमंत्री के तौर पर केजरीवाल द्वारा इस तरह के आदेश जारी करना कानूनी ढांचे के साथ.साथ निष्पक्ष और उचित जांच के सिद्धांत के भी खिलाफ है। ईडी ने केजरीवाल पर कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाने के इरादे से आबकारी नीति के निर्माण के दौरान कथित तौर पर रची गई साजिश में प्रत्यक्ष रूप से संलिप्त होने का आरोप लगाया है। स्वयं को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले यादव ने जनहित याचिका में दावा किया है कि केजरीवाल ने लगभग अपना पद खो दिया है और हिरासत में होने के कारण, उन्होंने एक लोक सेवक के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम कर लिया है। जनहित याचिका में कहा गया प्रतिवादी संख्या.-4 केजरीवाल प्रतिवादी संख्या-2 ईडी की हिरासत में रहते हुए निर्देश या आदेश जारी कर भारत के संविधान की तीसरी अनुसूची के ली गई गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन कर रहा है क्योंकि उनके द्वारा पारित किसी भी निर्देश, आदेश को प्रतिवादी संख्या-2 द्वारा जांच की जाती है क्योंकि प्रतिवादी संख्या-4 उसकी की हिरासत में हैं। इसमें कहा गया प्रतिवादी संख्या 1 से 3 केंद्र, ईडी और दिल्ली सरकार द्वारा प्रतिवादी संख्या-4 को हिरासत में रहते हुए निर्देश व आदेश जारी करने और प्रतिवादी संख्या-5 दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी को उक्त आदेश संसूचित करने से रोकने में निष्क्रियता सत्ता और पद के दुरुपयोग का एक वृहद उदाहरण है और इस न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप करने के योग्य है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि अदालत ईडी को आप नेता को टंकण कर्ता, कंप्यूटर और प्रिंटर उपलब्ध नहीं कराने का निर्देश दे।