विधि
निठारी कांड : दोषियों सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की फांसी की सजा रद्द
निठारी कांड : दोषियों सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की फांसी की सजा रद्द
सीएन, इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के नोएडा में हुए निठारी कांड केस में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने इस मामले के दोषियों सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की फांसी की सजा रद्द कर दी है। इन दोनों को गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। फिलहाल ये दोनों जेल में ही बंद हैं। सुरेंद्र कोली को कुल 12 और पंढेर को दो मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई थी। हाई कोर्ट ने 14 मामलों पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा रद्द कर दी है। हाई कोर्ट ने कहा है कि इनके खिलाफ सीधे तौर पर कोई सबूत नहीं होने की वजह से बरी किया गया है। विभिन्न खंडपीठों ने 134 दिन की लंबी सुनवाई की। कोली पर आरोप है कि वह पंढेर कोठी का केयरटेकर था और लड़कियों को लालच देकर कोठी में लाता था। निठारी गांव की दर्जनों लड़कियों गायब हो गई। वह उनसे दुष्कर्म कर हत्या कर देता था। लाश के टुकड़े कर बाहर फेंक आता था। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की अदालत ने यह फैसला सुनाया।
क्या है निठारी कांड
29 दिसंबर साल 2006 को दिल्ली से सटे नौएडा में पंढेर के घर के पीछे के नाले से पुलिस ने 19 कंकाल बरामद किए थे। इन 19 में से 176 मामलों पर पंढेर और कोली के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की गई थी। ये मामला साल 2005-2006 के बीच का है जब एक शख्स ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस द्वारा जब इसकी जांच की गई तो निठारी कोठी नंबर डी-5 के रहने वाले मोनिंदर सिंह पंढ़ेर की कोठी के पीछे स्थित नाले में से कई नरकंकाल बरामद हुए हैंण् इनमें कई बच्चों को नरकंकाल भी शामिल थे। नर कंकाल मिलने का मामला पूरे देश में चर्चा में आ गया था। जब ये खबर सामने आई तो पूरे इलाके में हड़ंकप मच गया था। इस मामले की जांच में ही कोठी नंबर डी-5 से कई बच्चों समेत अन्य लोगों के नर कंकाल पाए गए थे। जिसके बाद कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया गया था। दोनों अब तक कानून के शिकंजे में हैं। कोली को तो इस मामले से जुड़े विभिन्न केसों में 14 बार फांसी की सजा मिल चुकी है। कोर्ट में 14 साल तक इस मामले की सुनवाई चली। सुरिंदर कोली कोठी का केयरटेकर था। उस पर लड़कियों को गायब करने और कोठी में लाए जाने के आरोप हैंं 2006 से 2007 के बीच में निठारी गांव से दर्जनों लड़कियां लापता हो गईं थीं इतना ही नहीं ये भी आरोप थे कि वह छोटे बच्चों को भी किसी बहाने से बुलाता था और गंदे काम करता थां मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोली शवों को टुकड़ों में काटता था, पकाता और फेंक दिया करता थां जांच के दौरान कोठी के पीछे स्थित नाले में कंकाल के अवशेष भी पाए गएं डीएनए परीक्षण से पुष्टि भी हुई कि वे कई लापता लड़कियों के अवशेष थें। 29 दिसंबर 2006 . दिल्ली से सटे नौएडा में मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के पीछे नाले से पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले। इसी दिन मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरिंदर कोली को गिरफ़्तार किया गया। 30 दिसंबर 2006 को सीबीआई को मानव कंकाल के कुछ हिस्से और 40 ऐसे पैकेट मिले जिनमें मानव अंगों को भरकर नाले में फेंका गया था। इस मामले में दो पुलिस कांस्टेबल को बर्खास्त किया गया था। 5 जनवरी 2007 पंढेर और कोली को पुलिस नार्को टेस्ट के लिए गांधीनगर ले गई। 10 जनवरी साला 2007 को सीबीआई ने पंढेर और कोली से पूछताछ की। कुछ दिनों बाद भी पंढेर के घर के आसपास और भी हड्डियां बरामद की गईं।