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गुजरात पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया उसने मुसलमानों की सार्वजनिक की पिटाई

गुजरात पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया उसने मुसलमानों की सार्वजनिक की पिटाई
सीएन, अहमदाबाद।
गुजरात पुलिस ने मुसलमानों की सार्वजनिक पिटाई को सही ठहराया है। पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में पांच मुस्लिम पुरुषों को सड़क पर सबके सामने पीटा था। गुजरात पुलिस ने गुजरात हाईकोर्ट को बताया है कि मुसलमानों की पिटाई क्षेत्र में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए किया गया था। अदालत में दायर एक हलफनामे में खेड़ा-नडियाद के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार गढ़िया ने बताया है कि मुस्लिम पुरुषों ने अपने समुदाय के 150 से अधिक लोगों की भीड़ के साथ गरबा कार्यक्रम को बाधित करने के लिए पथराव किया था। मामला खेड़ा जिले के उंढेला गांव का है। हलफनामे में लिखा है, अभियुक्त तीन अक्टूबर, 2022 को हुए दंगे में सक्रिय था। वह उस भीड़ का हिस्सा था, जिसने गरबा खेल रहे हिंदू समुदाय के लोगों पर पथराव किया। ये सब हिंदू समुदाय में भय पैदा करने और क्षेत्र में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए हुआ था। सब कुछ पहले से प्लान किया गया था।
एसपी ने बताया कि इस घटना में गांव के आठ हिंदू निवासियों और तीन पुलिस अधिकारियों को चोटें आई थीं। परिणामस्वरूप, वहां भारी हंगामा हुआ और चीख-पुकार मच गई, इसलिए क्षेत्र में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए संदिग्धों को घेर लिया गया, ताकि आगे कोई अप्रिय घटना न हो। एसपी ने कहा कि पथराव की घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार किए गए आरोपी मुस्लिम पुरुषों ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया था। हलफनामे में लिखा है, 4 अक्टूबर, 2022 को हुई कथित घटना के संबंध में जब आरोपियों को उंधेला गांव ले जाया गया, तो उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश की थी। वे उस भीड़ को भी उकसा रहे थे, जो साइट पर जमा हुई थी। पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया है कि विभागीय जांच शुरू होने के बाद मुस्लिम पुरुषों को पीटने में शामिल छह दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है। जिन मुस्लिम पुरुषों को सार्वजनिक रूप से पीटा गया था, उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट याचिका दायर की है। मामला की सुनवाई जस्टिस एनवी अंजारिया और जस्टिस निराल आर मेहता की पीठ कर रही है। याचिकाकर्ताओं की पिटाई को पुलिसकर्मियों ने रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया था। वीडियो में पुलिस को याचिकाकर्ताओं को एक खंभे से बांधते और लाठियों से पीटते देखा जा सकता है। बार एण्ड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होने की संभावना है।

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