राजनीति
महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरी झिरवल मंत्रालय में तीसरी मंजिल से कूदे
महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरी झिरवल मंत्रालय में तीसरी मंजिल से कूदे
सीएन, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरी झिरवल शुक्रवार को चौंकाने वाला कदम उठाते हुए मंत्रालय की तीसरी मंजिल से कूद गए। हालांकि सुरक्षा जाली होने की वजह से वो अटक गए और उन्हें नुकसान नहीं हुआ। अजित पवार गुट के विधायक झिरवल को बचाने के लिए सुरक्षाकर्मी मशक्कत करते दिखे। धनगर समाज को एसटी कोटे से आरक्षण देने का विरोध करते हुए उन्होंने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगाई। उनका कहना था कि उनकी मांगें नहीं सुनी जा रही हैं, इसलिए नाराजगी में वह मंत्रालय से कूद गए। महाराष्ट्र में पिछले चार दिन से आदिवासी विधायक गुस्से में दिख रहे हैं। आज शुक्रवार को कैबिनेट का दिन है और सभी विधायक सीएम एकनाथ शिंदे से मिलते लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी आज मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। ऐसे में नाराज विधायक ने अपनी ही सरकार के खिलाफ विरोध करते हुए छलांग लगा दी। बताया जा रहा है कि नरहरी झिरवल दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलने उनके आवास पहुंचे थे लेकिन वहां भी उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद आज फिर ये मंत्रालय पहुंचे। वीडियो में देखा जा सकता है कि नरहरी झिरवल के बाद कुछ और आदिवासी विधायक भी कूद गए। हालांकि जाली होने की वजह से सभी नेता बाल.बाल बच गए हैं। सभी नेता जाली पर खड़े होकर नारेबाजी भी करने लगे। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बनी महायुति सरकार की तरफ से धनगर समाज को एसटी का दर्जा दिए जाने के फैसले के खिलाफ डिप्टी स्पीकर नरहरि झिरवल ने मोर्चा खोल दिया है। अपनी ही पार्टी के गठबंधन वाली महाराष्ट्र सरकार के फैसले का विरोध करते हुए नरहरी झिरवल ने यह अनोखा कदम उठा लिया। धनगर समुदाय द्वारा आदिवासी समुदाय के आरक्षण में कथित घुसपैठ को रोकने के लिए उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले सरकार का ध्यान खींचने के लिए अजीब तरीका आजमायां। दूसरी ओर, मंत्रालय भवन में धनगर समाज को आदिवासी कोटे में आरक्षण नहीं देने और पेसा कानून के तहत नौकरी भर्ती की मांग को लेकर राज्य के आदिवासी विधायक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। नरहरी झिरवल इस आंदोलन के बड़े चेहरे माने जाते हैं। झिरवल के इस कदम पर उद्धव ठाकरे गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शिंदे सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि आपस में मराठा और ओबीसी को लड़ाकर ये अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं, ये उसी का नतीजा है। अगर महाराष्ट्र में नेताओं का ये हाल है तो आम जनता का क्या हाल होगा।