राजनीति
2024 में फिर हैं चर्चा में दलबदलू : इस बार पार्टी बदलने वालों की तादाद अचानक काफी बढ़ी
2024 में फिर हैं चर्चा में दलबदलू : इस बार पार्टी बदलने वालों की तादाद अचानक काफी बढ़ी
सीएन, नईदिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव का माहौल है और पार्टी बदलने वालों की तादाद अचानक काफी बढ़ गई है। साथ ही कई पूर्व नौकरशाह, राजदूत और सरकारी पदों पर रह चुके दिग्गज भी राजनीति में आ रहे हैं या आ चुके हैं। बीजेपी, कांग्रेस और दूसरे सियासी दलों ने इन्हें टिकट या पार्टी में बड़ा पद देकर दांव भी लगाया है। आंकड़े बताते हैं कि 2019 में विभिन्न दलों ने 75 ऐसे उम्मीदवार उतारे थे, जो दूसरे दलों या पूर्व नौकरशाह थे। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें 47 लोग चुनाव हार गए थे। अब देखना यह होगा कि 2024 में क्या होगा। बीजेपी इस बार 543 लोकसभा सीट पर 400 सीट का आंकड़ा छूने की बात कह रही है। उसने भी दलबदलू नेताओं के साथ पूर्व नौकरशाहों को विभिन्न लोस सीटों से टिकट दिया है। इसके अलावा पार्टी सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए एक तरीका पहले भी अपनाती रही है। वह हर चुनाव में मौजूदा सांसदों-विधायकों में से 20 से 30 फीसद को दोबारा टिकट नहीं देती। टिकट न पाने वालों में उन लोगों की संख्या ज्यादा रहती हैए जो सरकार में मंत्री थे। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि दलबदलू या पूर्व नौकरशाह को टिकट देना एक गैम्बल जैसा है। कभी कभार इस प्रयोग में दल सफल रहे हैं और कुछ बार बड़े मार्जिन से चूके भी हैं। दल बदलने वाले नेताओं को पार्टियां टिकट या पार्टी में पद इसलिए देती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनके जनाधार का फायदा मिलेगा। अगर उन्हें पहचान नहीं दी जाएगी तो उनके समर्थक अलग-थलग पड़ जाएंगे। 2019 में जो दिग्गज सफल नहीं हो पाये उनमें शत्रुघ्न सिन्हा, बैजयंत जय पांडा और मानवेंद्र सिंह जैसे नाम शामिल हैं। सिन्हा बीजेपी से कांग्रेस में आए थेए लेकिन पटना साहिब सीट पर चुनाव हार गए। इसी तरह बैजयंत जय पांडा बीजद से बीजेपी में आए और केंद्रपाड़ा से लड़े जबकि मानवेंद्र सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर बाड़मेर से चुनाव लड़ा और जीत नहीं पाए। बीजेपी के एक पदाधिकारी के मुताबिक पार्टी की प्राथमिकता पहले अपने लॉयलिस्ट को टिकट देना है लेकिन बाद में बात जीत पर निर्भर करने लगती है। बीजेपी ने 19 अप्रैल से होने वाले चुनाव के लिए 417 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। इनमें कुछ दिग्गज नेता ऐसे हैंए जिन्होंने दल बदला है। उन्हें टिकट भी दिया गया है। ये वे राज्य हैं, जहां बीजेपी अपना वोट शेयर बढ़ाना चाहती है। इनमें तेलंगाना, ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। 11 नामों की ताजातरीन लिस्ट में 4 लोग ऐसे हैं, जो हाल में बीजेपी का हिस्सा बने हैं। 6 बार से सांसद भर्तुहरि महताब ने बीजद छोड़ बीजेपी का दामन थामा है। उन्हें कटक से चुनाव लड़ाया जा रहा है। पंजाब में कांग्रेस के पूर्व सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को लुधियाना, आप के इकलौते सांसद सुशील कुमार रिंकू को जालंधर और पटियाला से कांग्रेस की पूर्व सांसद प्रणनीत कौर को टिकट दिया गया हैण् तीनों ने हाल में बीजेपी ज्वाइन की है। एक बीजेपी पदाधिकारी के मुताबिक पार्टी बाहरी नेताओं के राजनीतिक रसूख, उनकी जाति या समुदाय के ऊपर वर्चस्व और लोकप्रियता के आधार पर विचार करती है। हाल में शामिल हुए नेताओं को भी इस कसौटी पर परखा गया है। पार्टी को उम्मीद है कि वे चुनाव में जीत दर्ज करेंगे। पार्टी ने गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में ऐसे ज्यादातर नेताओं को टिकट दिया है। गुजरात में सबरकंठ से कांग्रेस के पूर्व विधायक महेंद्र बरिया की पत्नी शेभना बरिया और सुरेंद्रनगर से चंदू सिहोरा को टिकट दिया गया है। बीते हफ्ते भीखाजी ठाकोर के समर्थकों ने सबरकंठ से दूसरे नेता को उम्मीदवार बनाने का विरोध भी दर्ज कराया था। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैंण् बीजेपी वहां गठबंधन कर रही है और नेताओं को अपने दल में मिला रही है। पार्टी ने कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता जितिन प्रसाद और कृपशंकर सिंह को टिकट दिया है, जिन्होंने 2021 में बीजेपी ज्वाइन की थी। हरियाणा में बीजेपी-जननायक जनता पार्टी गठबंधन टूट गयाए उसके बाद कई नए चेहरे सामने आए। इनमें कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदलए सिरसा से अशोक तंवर और हिसार से रंजीत सिंह को टिकट दिया गया है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बीजेपी में अपना दबदबा कायम नहीं कर पाई है। पार्टी यहां उन लोगों पर निर्भर है, जो दूसरे दलों से आ रहे हैं। इनमें तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति और आंध्र प्रदेश में टीडीपी, कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस के नेता शामिल हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय से ही पार्टी राजदूत और नौकरशाह को सरकार में शामिल करती आई है और उन्होंने पार्टी को मजबूती प्रदान की है। 2019 में पार्टी ने हरदीप पुरी, आरके सिंह, सतपाल सिंह जैसे पूर्व नौकरशाह को मौका दिया। इस बार अमेरिका में पूर्व भारतीय राजदूत रहे तरणजीत सिंह संधू को अमृतसर से मौका दिया जा रहा है। इसके अलावा पूर्व आईपीएस में वीरभूम से देबाशीष धर, झारग्राम से सरकारी डॉक्टर प्रांतू टूडू और तमलुक से पूर्व हाईकोर्ट जज अभिजीत गंगोपाध्याय को टिकट दिया गया है।