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ब्रेकिंग : आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का आरक्षण बरकरार रहेगा, सुप्रीम कोर्ट का फैसला
ब्रेकिंग : आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का आरक्षण बरकरार रहेगा, सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सीएन, नईदिल्ली। दाखिले और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले 103 वें संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने कहा कि आरक्षण संविधान का उल्लंघन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने मुहर लगा दी है। पांच जजों की बेंच में से 3 जजों ने ईडब्ल्यूएस कोटा को संवैधानिक ठहराया है। पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने संविधान के 103 वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को बरकरार रखा है। पांच में से 4 जजों ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण के समर्थन में और 1 जज ने विरोध में फैसला दिया। मालूम हो कि ईडब्ल्यूएस कोटे की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर लंबी सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने 27 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने ईडब्ल्यूएस कोटे को न्यायसंगत ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट में ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर संवैधानिक पीठ अपना आदेश पढ़ रही है। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी का कहना है कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान के मूल ढांचे का उल्लंधन नहीं करता है। वहीं जस्टिस बेला त्रिवेदी भी इसके पक्ष में हैं। उनका कहना है कि ईडब्ल्यूएस कोटा संविधान के खिलाफ नहीं है।