उत्तर प्रदेश
राज्यपाल सत्यपाल मलिक कहा-राजपथ का नाम बदलने की नहीं थी जरूरत
राज्यपाल सत्यपाल मलिक कहा-राजपथ का नाम बदलने की नहीं थी जरूरत
सीएन, बुलंदशहर। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि राजपथ का नाम बदलने की जरूरत नहीं थी। यह नाम कोई अंग्रेजों का दिया हुआ नहीं था। प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि वह हर तीसरे दिन उद्घाटन करते हैं, आज कुछ नहीं रहा होगा तो राजपथ का नाम बदलकर उसका उद्घाटन कर दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बारे में बोले कि वह अच्छा काम कर रहे हैं। उनके साथ मेरी शुभकामनाएं हैं। सत्यपाल मलिक बृहस्पतिवार को बुलंदशहर के गांव मूढ़ी बकापुर में करप्शन फ्री इंडिया संगठन के कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि अगर मैं प्रधानमंत्री से लड़ा तो यही वजह है कि मेरे पास कुछ नहीं है। कुछ होता तो अब तक ईडी और इनकम टैक्स की टीम आ जाती। भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री की तारीफ भी की। कहा कि श्रीनगर के दो मामलों को लेकर प्रधानमंत्री के पास गया था। मुझे डेढ़-डेढ़ सौ करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश हुई थी। प्रधानमंत्री को बताया तो उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने दोनों मामलों को रद्द कर दिया था। मलिक ने कहा कि देश में किसानों और जवानों पर भारी संकट है। उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कमेटी का चेयरमैन ऐसे व्यक्ति को बनाया है, जिसने कृषि कानून बनाए थे। अगर एमएसपी लागू नहीं होती है तो देश में बहुत बड़ी जंग किसानों और सरकार के बीच छिड़ेगी। उन्होंने किसानों से कहा कि आप बड़ी लड़ाई के लिए तैयार रहें। सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसानों और जवानों को बर्बाद करके कोई सरकार नहीं चली है। अब फौज को बर्बाद करने के लिए अग्निवीर योजना ले आए हैं। इससे कोई नतीजा नहीं निकलेगा। आरोप लगाया कि जब उन्होंने बिहार में शिक्षा व्यवस्था सुधारी तो उन्हें कश्मीर भेज दिया गया। राज्यपाल मलिक ने कहा कि जिस दिन से किसानों की लड़ाई शुरू हुई है, उस दिन से इस्तीफा मेरी जेब में है। प्रधानमंत्री कह दें तो मैं एक मिनट में इस्तीफा दे दूंगा।