अल्मोड़ा
भारतीय हिमालयी क्षेत्र में वन आधारित संसाधनों की वर्तमान स्थिति पर हुआ मंथन
सीएन, अल्मोड़ा। गोबिंद बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा में वन आधारित संसाधन और आजीविका विकल्प विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला-सह-विचार-मंथन का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान ने उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, देहरादून एवं नेशनल मिशन फॉर सस्टेनिंग द हिमालयन इकोसिस्टम (निमशी) टास्क फोर्स 3, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सहयोग से किया। कार्यशाला का उद्देश्य, उत्तराखंड पर केंद्रित भारतीय हिमालयी क्षेत्र में वन आधारित संसाधनों पर ज्ञान की वर्तमान स्थिति पर विचार-विमर्श करना, स्थानीय समुदायों की आय और आजीविका में वन संसाधनों की भूमिका को समझना एवं वन संसाधनों को आजीविका के स्रोत के रूप में उपयोग करने और उनके संरक्षण और प्रबंधन के लिए रणनीति विकसित करना था। कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो. आर. के मेखुरी एचएनबी. गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर, विशिष्ठ अतिथि एसटीएस लैप्चा पूर्व पीसीसीएफ देहरादून एवं अतिथि प्रो. जीत राम, प्रमुख, वानिकी विभाग, कुमॉऊ विश्वविद्यालय नैनीताल तथा 5 हिमालयी राज्यों से आये 25 विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुआ। इस कार्यशाला में देश के हिमालयी क्षेत्रों में कार्य कर रहे विषय विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, प्रबंधकों, योजनाकारों, वन अधिकारियों, गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधियों, सामुदायिक प्रतिनिधियों एवं शोधकर्ताओं सहित 80 से अधिक व्यक्तियों ने प्रतिभाग किया।