जन मुद्दे
नूपुर व नवीन प्रकरण पर बड़ी पैनी नजर से देख रहा विपक्ष
भाजपा विवादित टिप्पणी और उसके बाद की गई कार्रवाई को लेकर चौतरफा घिरी
सीएन, नईदिल्ली। विरोधियों का नेचर ही यही होता है कि वे मुद्दे की ताक में रहते हैं। ऐसे समय में, जब भाजपा एक के बाद एक चुनावों में फतह हासिल करती दिख रही है, विपक्ष को बड़ा मुद्दा मिल गया है। भाजपा अपने ही दो नेताओं की विवादित टिप्पणी और उसके बाद की गई कार्रवाई को लेकर चौतरफा घिरी दिख रही है। विपक्षी पार्टियां इस पर पैनी नजर रखे हुए हैं। दरअसल, विपक्ष यह देखना चाहता है कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी को लेकर गल्फ देशों की आलोचना के बाद अपने दो प्रवक्ताओं पर कार्रवाई करने के बीजेपी नेतृत्व के फैसले को संघ परिवार के कट्टर समर्थक और हिंदूवादी संगठन कैसे पचा पाते हैं। विपक्षी खेमे यह भी देख रहे हैं कि हिंदुत्व-राष्ट्रवादी भावनाओं से ओत-प्रोत क्षेत्रों में बीजेपी की अनुशासनात्मक कार्रवाई पर क्या प्रतिक्रिया होती है। उन्हीं निर्वाचन क्षेत्रों में विपक्षी दलों खासतौर से कांग्रेस को ‘मुस्लिम तुष्टिकरण’ वाली पार्टी कहते हुए लगातार टारगेट किया जाता रहा है। वास्तविकता यह है कि दोनों प्रवक्ताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद कई दिनों तक भाजपा नेतृत्व और केंद्र दोनों खामोश बने रहे। उन्होंने कार्रवाई तब की जब गल्फ देश अपना विरोध जताने लगे और भारतीय व्यापारिक हितों के खिलाफ कुछ कार्रवाई की बातें होने लगीं। विपक्ष का मानना है कि यह अनुशासनात्मक कार्रवाई अपने से नहीं बल्कि मजबूरी में की गई है। अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक प्रभावों के अलावा, उन्हें लगता है कि खाड़ी देशों के प्रोटेस्ट से देश में भी विरोध तेज होगा। कई शहरों में नूपुर शर्मा को गिरफ्तार करने की मांग के साथ प्रदर्शन हुए हैं। जबकि पहले संभावना ऐसी थी कि सत्ता प्रतिष्ठान प्रवक्ताओं के आचरण की उपेक्षा करता। विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, दुनियाभर में चर्चा का विषय बने इस प्रकरण ने दिखा दिया है कि नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल जैसे दो छोटे राजनीतिक नेता कितना बड़ा असर कर सकते हैं। सवाल यह है कि कौन है जो राजनीतिक विमर्श के नाम पर गाली-गलौच करने, अपमानजनक भाषा बोलने के लिए प्रोत्साहित करता है।