सीएन, चमोली। हेमकुण्ड साहिब के आस पास वाला मार्ग पूरी दुनिया में फूलों की घाटी के नाम से जाना जाता है। यहां लोक निर्माण विभाग द्वारा एक हैलीपैड का निर्माण किया जा रहा है। यह सामलगढ बैण्ड {हेम कुण्ड साहिब ) घाघरिया से पांच किलोमीटर ऊपर है। इस निर्माण पर स्थानीय जनता व प्रबुद्ध पर्यावरण प्रेमियो द्वारा विरोध दर्ज किया जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि श्री हेमकुण्ड़ साहिब के पास जहां से सीढियां समाप्त होती है वही पर बीस पच्चीस वर्ष पूर्व एक हैलीपैड बना था। उसकी छायाप्रति व ज्ञापन स्थानीय लोगो ने बद्रीनाथ के विधायक को दिया है। लोगो ने कहा है कि हैलीपैड के स्थान पर गेट बन गया है। यदि गेट को हटा दिया जाय तो आपातकाल मे आज भी वहां पर हैलीकॉप्टर उतर सकता है।
जोशीमठ के लोगो ने कहा है कि जिस स्थान पर वर्तमान मे हैलीपैड़ बन रहा है वह स्थान विभिन्न प्रकार के फूलों व जड़ी बूटियों तथा दुर्लभ पक्षियों का आवास स्थल है। जिसमे ब्रह्म कमल, दुर्लभ ब्लू पेपी , ब्राह्मी, तगर, नीरू कडवी, अतीस, जय विजय, हत्था जोडी, टाटर एव् दुर्लभ संकटग्रस्थ जीव पाये जाते है। इस इलाके मे हिम तेदुवा, हिमालयन भालू, मोनाल पक्षी आदि का निवास स्थान व चुगान स्थल है । इस वर्ष घांघरियां से हेमकुण्ड साहिब तक रोपवे का निर्माण भी हो रहा है, ऐसे में इस उच्च हिमालयन क्षेत्र में हैलीपैड का निर्माण रोक दिया जाय। यह ईको सैन्सटिव जोन मे आता है इस कारण वन विभाग ने भी इसमें आपत्ति दर्ज की है फिलहाल काम रुकवा दिया है। ग्रामीणों व स्थानीय व्यापार मण्डल, महिला मंगल दल ने कहा है यदि हैलीपैड का निर्माण जारी रहा तो ग्रामीण व अन्य संगठन इसका बिरोध करेगे। ज्ञापन देने वालो में उद्योग व्यापार मण्डल घाघरियां, ग्राम पंतायत भ्यूड़ार, पलना तथा महिला मंगल दल भ्यूडार आदि के हस्ताक्षर हैं।