अल्मोड़ा
भूगोल के छात्र-छात्राओं ने चमोली, पौड़ी व टिहरी का शैक्षणिक भ्रमण किया
सीएन, अल्मोड़ा। एसएसजे विश्वविद्यालय की स्नातकोत्तर को द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर भूगोल के छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक भ्रमण विभाग के प्राध्यापकों के निर्देशन में उत्तराखंड के चमोली पौड़ी और टिहरी गढ़वाल जिलों में गया। भ्रमण के दौरान छात्र-छात्राओं ने भूगोल की विभिन्न शाखाओं के अंतर्गत क्षेत्र का भू आकृतिक, पर्यावरणीय, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन करने का यथासंभव प्रयास किया। अलकनंदा जो कि गंगा की एक मुख्य शाखा है, अध्ययन क्षेत्र में प्रवाहित होती हुई मार्ग में वी आकार की घाटियों, नदी वेदिकाओं, तीव्र ढालों और उनके मध्य वनाच्छादित क्षेत्र, कृषि भूमि एवं जल विद्युत परियोजनाओं को प्राकृतिक एवं मानव निर्मित भू- दृश्यों के रूप में आकार देती है तथा भूगोल के विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त जिज्ञासा अध्ययन तथा शोध के अवसर प्रदान करती है। इस नदी का पिंडर एवं मंदाकिनी से संगम क्रमशः कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग में होता है। संगम नदी के प्रवाह मार्ग के प्राकृतिक महत्वपूर्ण स्थल तुम्हें धार्मिक एवं सामाजिक गतिविधियों के भी महत्वपूर्ण पड़ाव हैं जिन्हें प्रत्यक्ष देखकर समझना विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं रोचक रहा। इसी क्रम में टिहरी बांध क्षेत्र का भी भ्रमण किया गया, जहां भागीरथी एवं भिलंगना नदियों के संगम में कई भू-आकृति परिवर्तन और उनके भौतिक पक्षों का मानवीय विकास के संदर्भ में पुनरावलोकन तथा विश्लेषण किया गया। टिहरी बांध टनल के तकनीकी पक्षों को समाहित करते हुए विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषण किया गया। छात्र-छात्राओं द्वारा पूछे गए विभिन्न प्रश्नों का उनके द्वारा यथोचित उत्तर दिया गया तथा अनेक पक्षों के दृष्टिकोण रखते हुए विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। भूगोल विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ ज्योति जोशी ने छात्र-छात्राओं को प्रत्यक्ष अवलोकन क्षेत्रीय सर्वेक्षण के व्यवहारिक पक्षों की उपयोगिता एवं महत्व समझाते हुए अध्ययन क्षेत्र से उदाहरण दिए, जिससे विद्यार्थियों की विषय संबंधी जानकारी में वृद्धि हो सके इस। भ्रमण में डॉ दीपक, डॉ अरविंद यादव तथा डॉ पूरन जोशी ने भी छात्र छात्राओं का मार्गदर्शन किया एवं उनकी जिज्ञासाओं तथा समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रयास किए। भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने चमोली जिले में स्थित भगवान विष्णु का मंदिर आदिबद्री ऐतिहासिक चांदपुर गढ़ी किला वेणी ताल, टिहरी झील एवं एवं धारी देवी मंदिर का भ्रमण किया।