Connect with us

जन मुद्दे

उत्तर प्रदेश में बुलडोजर ऐक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे

कहा-नियम से ही ढहा सकते हैं किसी का घर, कार्रवाई से पहले बात सुनी जाएगी
सीएन, नईदिल्ली।
उत्तर प्रदेश में बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। शीर्ष अदालत ने प्रयागराज, कानपुर मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार को तीन दिनों का समय दिया गया है। साथ ही कोर्ट का यह कहना है कि अगर नियमों का पालन किया गया है, तो कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती। फिलहाल, इस मामले में आगे सुनवाई अगले सप्ताह होगी। जमियत उलेमा ए हिंद ने सोमवार को याचिका दायर कर राज्य सरकार को निर्देश जारी करने की मांग की थी कि किसी आरोपी की संपत्ति पर तत्काल कार्रवाई न की जाए। इसके साथ ही जमियत ने कहा था कि कानपुर में संपत्ति ढहाने की तैयारियों पर रोक लगाई जाए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘हमने यह साप कर दिया है कि कोई भी कानून ढांचे या भवन को नहीं गिराया गया है।’ उन्होंने कहा कि सभी का अपना एजेंडा है और एक सियासी दल ने याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि जहांगीरपुरी इलाके में समुदाय को देखे बगैर ढांचे हटाए गए थे। मेहता ने कहा कि इसमें जरूरी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने जमियत की याचिका पर सुनवाई की। याचिका में यह भी कहा गया था कि राज्य सरकार को आदेश जारी किए जाएं कि कानून के मुताबिक ही संपत्ति ढाहाने की कार्रवाई की जाए। साथ ही इसमें प्रभावित व्यक्ति को नोटिस देने और सुनवाई के लिए समय देने की मांग की गई थी। जमियत का कहना है कि संपत्ति ढहाने की तत्काल कार्रवाई प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। खास बात है कि जमियत के आवेदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का भी जिक्र किया गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि आरोपियों के मकानों को बुलडोजर की मदद से गिराया जाएगा। इसमें एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार और कानपुर पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा के बयान को भी शामिल किया गया है, जिसमें पुलिस अधिकारी दोहरा रहे हैं कि आरोपियों की संपत्ति को कब्जे में लिया जाएगा और ढहाया जाएगा। जमियत ने उत्तर प्रदेश (रेग्युलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपरेशन) एक्ट 1958 की धारा 10 को लेकर कहा कि इसके तहत प्रभावित व्यक्ति को मौका नहीं मिलने तक भवन नहीं ढहाया जा सकता। इसके आगे जमियत ने कहा है कि यूपी अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 1973 की धारा 27 में कहा गया है कि संपत्ति ढहाने की कार्रवाई से पहले प्रभावित व्यक्ति की बात सुनी जाएगी और उन्हें कम से कम 15 दिनों का नोटिस दिया जाएगा।

Continue Reading
You may also like...

More in जन मुद्दे

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING