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चंद्र ग्रहण खतरनाक व्याधियों के उपचार के लिए औषधि के शोध में होगा सहायक सिद्ध
चंद्र ग्रहण खतरनाक व्याधियों के उपचार के लिए औषधि के शोध में होगा सहायक सिद्ध
सीएन, नईदिल्ली। इस वर्ष यानि 2022 का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण मंगलवार, 8 नवंबर को पड़ने जा रहा है। जानकारों के अनुसार ग्रस्तास्त सूर्यग्रहण के बाद ग्रस्तोदित चंद्रग्रहण का संयोग दो सौ साल बाद ऐसी युति बना रहा है। जिसमें चार ग्रह वक्री हो रहे हैं। इस समय मंगल, शनि और सूर्य व राहु आमने सामने आएंगे। भारत वर्ष की कुंडली में तुला राशि पर सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र की युति बन रही है। इसके साथ ही शनि कुंभ राशि में पंचम मिथुन राशि में नवम भाव पर मंगल की युति विनाशकारी योग बना रहा है। यह विश्व पटल के लिए अच्छे योग नहीं हैं। यह चंद्रग्रहण शाम 5.43 बजे आरंभ होगा और इसका मोक्ष 6.19 बजे होगा। इसकी कुल अवधि 36 मिनट रहेगी। इसके पहले वर्ष का पहला चंद्रग्रहण 16 मई 2022 को लगा था। यह संयोग कि वर्ष का आखिरी सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर मंगलवार को था। खंडग्रास सूर्यग्रहण व उदित चंद्र ग्रहण का संयोग शताब्दियों में बनता है, जो तीन शताब्दी के बाद बना है। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, यह ग्रहण खतरनाक व्याधियों के उपचार के लिए औषधि के शोध में सहायक सिद्ध होगा। पं. अमर डब्बावाला के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा पर ग्रहण इसलिए शुभकारी बताया गया है, क्योंकि इस दौरान चंद्रमा के अंश बढ़ेंगे, जिससे दुष्प्रभाव नहीं छोड़ेगा। वायुमंडल की धूल के अंतर के कारण चंद्रग्रहण पीला, नारंगी, भूरा या लाल दिख सकता है। इस चंद्रग्रहण को बिना किसी उपकरण के देखा जा सकता है। टेलिस्कोप से देखने पर यह लाल रंग का दिखेगा।