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जन मुद्दे

इस बार काबड़ यात्रा के दौरान लाठी, डंडे, भाले जैसे हथियारों पर रहेगा प्रतिबंध

10 हजार से भी अधिक पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की ड्यूटी लगेगी

सीएन, देहरादून। दो साल के बाद होने जा रही कांवड़ यात्रा में इस बार चार करोड़ से भी अधिक कांवड़िए आने की संभावना है। इस यात्रा की तैयारी के लिए अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक हुई। इसमें सात राज्यों के आला अधिकारियों ने भाग लिया और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर चर्चा की। कांवड़ मेला क्षेत्र को 133 सेक्टरों में बांटा जाएगा। इसकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए तकरीबन 10 हजार से अधिक पुलिस फोर्स तैनात की जाएगी। यात्रा के दौरान लाठी, डंडे, भाले जैसे हथियारों पर प्रतिबंध रहेगा। यात्रा मार्ग पर मीट व शराब की दुकानें बंद रहेंगी।
समन्वय बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, रेलवे सुरक्षा बल, आईबी के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष और ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा 14 से 26 जुलाई को आयोजित की जा रही है। कोरोना काल के बाद यह पहली कांवड़ यात्रा है। वर्ष 2016 में दो करोड़ से अधिक कांवड़िए आए थे। जबकि, अगले साल यह संख्या तीन करोड़ को पार कर गई थी। चूंकि, इस बार दो साल के अंतराल पर यह यात्रा हो रही है तो कांवड़ियों की संख्या चार करोड़ को भी पार कर सकती है। उन्होंने सभी राज्यों से इसकी तैयारियों अभी से जुटने को कहा। कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में बांटा गया है। इसके लिए 10 हजार से भी अधिक पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। यात्रा की सुरक्षा के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा। बैठक में हरिद्वार के पुलिस कप्तान डीआईजी डॉ. योगेंद्र रावत ने कहा कि हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ मेले की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए उन्होंने प्रचार प्रसार भी शुरू कर दिया है। इसके तहत कांवड़ मेले में यातायात प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, यात्रा रूट पर पुलिस प्रबंध आदि की व्यवस्थाओं को देखा जा रहा है। यात्रा में लाठी डंडे, नुकीले भाले व अन्य हथियार पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। सभी थाना पुलिस और अधिकारियों को उनका एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने को भी कहा गया है। ताकि, सूचनाओं का आदान प्रदान समय से किया जा सके।
इस दौरान एडीजी कानून व्यवस्था मेरठ जोन राजीव सभरवाल ने कहा कि 2019 के बाद बहुत सी सड़कें बनी हैं। इनमें ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे का निर्माण हुआ है। इससे भीड़ व यातायात प्रबंधन में बदलाव आएगा। इन सभी जगहों पर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। यात्रा रूट पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम की भी व्यवस्था की जाएगी। साथ ही साथ सभी जिलों में संदिग्धों के सत्यापन के निर्देश भी दिए गए हैं। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार ने कहा कि यात्रा मार्ग पर मीट व शराब की दुकानें बंद रहेंगी। इसके लिए पहले ही व्यवस्था को सुनिश्चित कर लिया जाए। ताकि, शांति व्यवस्था बनाई रखी जा सके। उन्होंने कहा कि कांवड़िए आस्था के वशीभूत रहते हैं। ऐसे में जरूरी है कि उनके साथ सौम्य व्यवहार किया जाए। हरिद्वार से दिल्ली/मेरठ वापस जाने के लिए कांवड़ियों को सड़क के बाईं ओर चलना होगा। इसके साथ ही जो शिविर व भंडारे आदि का आयोजन होगा वह किनारे से 15 फीट दूर होगा। इसी को देखते हुए पुलिस और स्थानीय प्रशासन इनकी अनुमति दें। ताकि काबड़ यात्रा शांति से सम्पन्न हो।

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