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चिंताजनक: महंगाई ने त्योहारों के उत्साह को किया फीका, कटौती करने को लोग मजबूर
चिंताजनक: महंगाई ने त्योहारों के उत्साह को किया फीका, कटौती करने को लोग मजबूर
सीएन, नईदिल्ली। प्याज और टमाटर समेत खाने के तेल की कीमतों में उछाल ने उपभोक्ताओं के बजट को बिगाड़ कर रख दिया है। ये महंगाई तब आयी है, जब त्योहारी सीजन चल रहा है। अक्टूबर के आखिर में धनतेरस, दिवाली और नवंबर महीने के पहले हफ्ते में छठ महापर्व है। ऐसे में खाद्य वस्तुओं की महंगाई ने लोगों को अपने दूसरे खर्चों में कटौती करने को मजबूर कर दिया है। इस त्योहारी सीजन में कमरतोड़ महंगाई के चलते भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स जैसी महंगी खरीदारी को कम रहे हैं या फिर उसे टाल रहे हैं। बता दें कि अक्टूबर महीने से नवरात्रि के साथ त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है, जो नवंबर महीने के मध्य तक जारी रहेगा। फेस्टिव सीजन की शुरुआत बेहद फीकी रही है। रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक इस फेस्टिव सीजन में इलेक्ट्रॉनिक्स और होम अप्लायंसेस की बिक्री की रफ्तार बेहद धीमी रही है। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, इस वर्ष अक्टूबर में इलेक्ट्रॉनिक्स और होम अप्लायंसेस की बिक्री बीते साल के मुकाबले केवल 5.7 फीसदी बढ़ी है। जबकि 8.10 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान था। हालांकि उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि सेल्स आने वाले दिनों में रफ्तार पकड़ सकती है। ग्रामीण इलाकों में डिमांड और खपत में उछाल की बदौलत भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025-25 के लिए आर्थिक विकास दर के 7.2 फीसदी के दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। लेकिन ऑटो सेल्स और मैन्युफैक्चरिंग, परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स जैसे हाई इंडीकेटर्स और जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े अर्थव्यवस्था में कमजोरी के संकेत दे रहे। उसपर से आसमान छूती महंगाई कोढ़ में खाज का काम कर रही है। खाद्य वस्तुओं और खासतौर से सब्जियों की कीमतों में उछाल के चलते सितंबर 2024 में खुदरा महंगाई दर 5.49 फीसदी पर जा पहुंची है। वहीं खाद्य महंगाई दर 9.24 फीसदी रही है। साग-सब्जियों की महंगाई दर 36 फीसदी रही है। सीएआईटी के नेशनल प्रेसिडेंट बीसी भरतिया ने कहा कि प्याज और दूसरी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल का लोगों की खरीदारी पर असर पड़ा है। ट्रेडर्स की संस्था सीएआईटी ने इस वर्ष त्योहारी सीजन में 4.25 लाख करोड़ के सेल्स का अनुमान जताया है, जो पिछले साल के मुकाबले 13 फीसदी ज्यादा है। ऑनलाइन सेल्स की रफ्तार भी धीमी है, जिसकी फेस्टिव सीजन के दौरान कुल सेल्स में 15 फीसदी हिस्सेदारी होती है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के डायरेक्टर रिसर्च पुषाण शर्मा ने कहा कि एंट्री लेवल के मोबाइल फोन की सेल्स में कमजोरी नजर आ रही है। हालांकि प्रीमियम मॉडल्स की सेल्स बेहतर है। कंसलटेंसी फर्म रेडसीर ने मौजूदा फेस्टिव सीजन में 1 से 1.2 ट्रिलियन डॉलर के सेल्स का अनुमान जताया है जो पिछले साल से 13 फीसदी ज्यादा है। हालांकि कस्टमर्स को लुभाने के लिए रिलायंस रिटेल अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई.कॉमर्स कंपनियां भारी डिस्काउंट ऑफर कर रही है। रिलायंस रिटेल के सीनियर एग्जीक्यूटिव दिनेश तलुजा ने एनालिस्ट्स को बताया कि जुलाई से सितंबर के दौरान फैशन कैटगरी में कमजोर सेल्स देखने को मिली थी, लेकिन अब तेजी आ रही है।