उत्तर प्रदेश
बृजभूषण शरण सिंह : जिनके खिलाफ देश के नामी पहलवान तीन दिनों से कर रहे हैं प्रदर्शन
सीएन,गोंडा। गुंडई ऐसी कि एसपी ऑफिस में एसपी पर ही पिस्टल तान दी। राजनीति ऐसी कि लगातार 6 बार से सांसद का चुनाव जीत रहे हैं। कारोबार ऐसा कि 50 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज के मालिक हैं। रसूख ऐसा कि पार्टी लाइन से अलग भी बयानबाजी करते हैं। दबदबा ऐसा कि 11 साल से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष हैं। हम बात कर रहे हैं बृजभूषण शरण सिंह की, जिनके खिलाफ देश के नामी पहलवान तीन दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक कांग्रेसी नेता हुए चंद्रभान शरण सिंह। उन्हीं के परिवार में 1957 में बृजभूषण शरण सिंह पैदा हुए। कॉलेज के दिनों से ही बृजभूषण छात्र राजनीति में सक्रिय थे। सत्तर के दशक में के.एस. साकेत महाविद्यालय, अयोध्या में महामंत्री बने। स्थानीय पत्रकार बताते हैं कि छात्र राजनीति के दौरान ही कॉलेज के किसी मामले में उन्होंने हैंडग्रेनेड चला दिया था, जिसके बाद उनका नाम उछला और फिर राजनीति में वो सक्रिय होते गए। 1987 की बात है। जिले के गन्ना डायरेक्टरी के चुनाव में बृजभूषण ने भी पर्चा भर दिया। बृजभूषण को एसपी ने बुलाया और उन्हें गाली देते हुए नामांकन वापस लेने की धमकी दी। बृजभूषण एक इंटरव्यू में बताते हैं, ‘मैंने एसपी पर पिस्टल तान दी और उसे 200 गालियां दी। स्थानीय पत्रकार हनुमान सिंह सुधाकर वहीं थे। इसके बाद मैंने अपनी बाइक उठाई और वहां से निकल गया।’ बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी समेत जो 40 लोग आरोपी बनाए गए, उनमें बृजभूषण शरण सिंह भी थे। एक इंटरव्यू में बृजभूषण बताते हैं कि, ‘जब कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद पर हमला किया तो किसी के पास कोई हथियार नहीं था। वहां पास में कृष्णा गोयल का काम चल रहा था। हमने स्टोर रूम तोड़ा और कारसेवकों तक गैती फरुआ पहुंचाया। हमने गिराया नहीं है, लेकिन रात 10 बजे तक हम वहीं थे।’ छात्र राजनीति और जन्मभूमि आंदोलन की वजह से बृजभूषण क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हो चुके थे। 1991 में जब बीजेपी ने बृजभूषण सिंह को लोकसभा टिकट दिया तब इनके खिलाफ 34 आपराधिक मामले दर्ज थे। बीजेपी ने सिंह को गोंडा का रॉबिनहुड कहकर बचाव किया। वो बड़े अंतर से चुनाव जीते। 1996 में जब बृजभूषण सिंह टाडा के तहत तिहाड़ जेल में सजा काट रहे थे, तब इनकी पत्नी केतकी सिंह ने गोंडा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। बृजभूषण के जेल में होने के बावजूद केतकी सिंह ने कांग्रेस के आनंद सिंह को 80,000 वोटों से हराया। बृजभूषण शरण सिंह को लेकर सबसे बड़ा विवाद तब हुआ था जब इन पर अंडरवर्ल्ड के साथ जुड़े होने के आरोप लगे। इनके खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से टाडा का मामला दर्ज किया गया। दाऊद से फोन पर बात करने और उसकी मदद करने के आरोप भी लगे थे। बाद में सीबीआई ने इन सभी आरोपों से सिंह को बरी कर दिया। 30 मई 1996 तिहाड़ जेल में सजा काट रहे बृजभूषण सिंह को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की चिट्टी मिली। इसमें उन्होंने लिखा था कि आप बहादुर हैं। सावरकर जी को याद करिए। उन्हें उम्रकैद की सजा मिली थी। बृजभूषण एक इंटरव्यू में बताते हैं, ‘मायावती का गोंडा में एक कार्यक्रम था। उन्होंने गोंडा का नाम बदलकर लोकनायक जयप्रकाश नगर करने की घोषणा की। मैं मायावती से भिड़ गया। मैंने आंदोलन खड़ा किया। इसकी तस्वीरें लेकर मैं अटल जी के पास गया और अटल जी ने एक फोन पर जिले का नाम रोक दिया। लेकिन ये नामकरण संघ के बड़े नेता नाना जी ने कराया था और फिर मेरा संघ में विरोध शुरू हो गया। गोंडा से बृजभूषण का टिकट काटकर घनश्याम शुक्ल को दे दिया गया। जिस दिन वोट पड़ रहा था उसी दिन घनश्याम शुक्ल का एक्सीडेंट में निधन हो गया। कुछ दिनों बाद एक्सीडेंट कराने का आरोप बृजभूषण पर लगा। इस घटना की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया। बाद में बृजभूषण बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए। 2009 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से सपा के टिकट पर चुनाव जीते। 2014 के चुनाव से पहले बीजेपी में घर वापसी हो गई और तब से बीजेपी सांसद हैं। रांची में अंडर-15 नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण ने एक पहलवान को मंच पर ही थप्पड़ जड़ दिया था। दरअसल, उस पहलवान की उम्र ज्यादा थी। वो बृजभूषण के कॉलेज के नाम पर प्रतियोगिता में शामिल होना चाहता था। वहां बृजभूषण बैठे थे और उन्होंने पहलवान पर हाथ छोड़ दिया। चुनावी हलफनामे के मुताबिक बृजभूषण सिंह के पास करीब 10 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है। वहीं उनकी पत्नी के पास करीब 6 करोड़ रुपए की संपत्ति है। उनके पास स्कॉर्पियो, फोर्ड और फॉर्च्यूनर जैसी कई गाड़ियां हैं। बृजभूषण शरण सिंह अपनी लग्जरी लाइफ स्टाइल के लिए भी मशहूर हैं। स्थानीय पत्रकार बताते हैं कि इस सरकारी डेटा से इतर बृजभूषण सिंह इलाके के करीब 50 से ज्यादा स्कूल कॉलेजों के मालिक हैं। अलग-अलग सेक्टर में वो ठेकेदारी का काम भी करते हैं। वो हेलिकॉप्टर और घोड़ों की सवारी के लिए भी मशहूर हैं।