अंतरराष्ट्रीय
आज 23 अप्रैल को है विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस: पुस्तकों का महत्व जीवित करना उद्देश्य
आज 23 अप्रैल को है विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस: पुस्तकों को जीवित करना उद्देश्य
सीएन, नैनीताल। पुस्तकें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती है। जो जिंदगी के हर मोड़ पर साथ निभाती है। सुख.दुख हर पल साथ रहती है। पुस्तकें हमारे जीवन में हमारा मार्गदर्शन करती हैं। यह पुस्तके हीं होती है जो हमें जीना सिखाती हैं। अगर व्यक्ति के जीवन में पुस्तक ना हो तो व्यक्ति के मस्तिष्क का विकास पूर्ण रुप से नहीं हो सकता। लेकिन आज इंटरनेट, मोबाइल फोन, कंप्यूटर के कारण हम पुस्तकों से कटते जा रहें हैं। शीघ्र सब मिल जाने की लालसा में पुस्तकों से मिलने वाले सुकून को ही भूलते जा रहे हैं। जिसके कारण पुस्तकों को एक बार फिर से जीवित करने एवं उसकी महत्वता को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से विश्व पुस्तक दिवस का आयोजन किया जाता है। विश्व पुस्तक दिवस एक जरिया है लोगों के दिलों में पुस्तकों के प्रति प्रेम जागृत करने का। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है, जीवन को बेहतर बनाने के लिए पुस्तकों की शक्ति को पहचानना है। आमतौर पर इसे लेखक, चित्रकार के द्वारा आम लोगों के बीच में पढ़ने को प्रोत्साहन देने के लिये मनाया जाता है। किताबों को और पढ़ने के लिये ये विश्व स्तर का उत्सव है और 100 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है। प्रतिवर्ष संपूर्ण विश्व में 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष ग्रीस यूनान की राजधानी एथेंस शहर को विश्व पुस्तक राजधानी चुना गया है। प्रत्येक वर्ष यूनेस्को और 3 प्रमुख पुस्तक उद्योग के क्षेत्रों.प्रकाशकों, पुस्तक विक्रेताओं और पुस्तकालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा एक वर्ष की अवधि के लिए विश्व पुस्तक राजधानी का चयन किया जाता है। यह अवधि 23 अप्रैल से लागू होती है। वर्ष 1995 में पेरिस में आयोजित यूनेस्को की सामान्य सभा में 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। तब से यह दिवस प्रतिवर्ष मनाया जा रहा है। 23 अप्रैल विश्व साहित्य में एक प्रतीकात्मक तिथि है। वर्ष 1616 में 23 अप्रैल को ही साहित्यकार विलियम शेक्सपियर, सेर्वंटेस और इंका गार्सिलासो का निधन हुआ था। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है,जीवन को बेहतर बनाने के लिए पुस्तकों की शक्ति को पहचानना है। आमतौर पर उनके लेखक, चित्रकार के द्वारा आम लोगों के बीच में पढ़ने को प्रोत्साहन देने के लिये मनाया जाता है। किताबों को और पढ़ने के लिये ये विश्व स्तर का उत्सव है और 100 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है।
