उत्तराखण्ड
सीईसी लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग निर्माण की जांच करेगी
मोरघट्टी व पाखरों रेंज में हुए अवैध पातन और निर्माण कार्यों की भी जांच
सीएन, नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीईसी) लालढांग-चिल्लरखाल मार्ग निर्माण की जांच करेगी। इसके अलावा कालागढ़ वन प्रभाग के तहत पाखरो में निर्माणाधीन टाइगर सफारी समेत मोरघट्टी व पाखरों रेंज में हुए अवैध पातन और निर्माण कार्यों की भी जांच की जाएगी। टीम टाइगर सफारी के लिए हासिल की गई स्वीकृतियों से संबंधित पत्रावलियां भी खंगालेगी। लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग निर्माण और कालागढ़ वन प्रभाग के तहत पाखरो में निर्माणाधीन टाइगर सफारी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में वकील गौरव कुमार बंसल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इमसें बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस संबंध में पीवी जयकृष्णन की अध्यक्षता में एक सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीईसी) का गठन किया गया है। कमेटी में अमानाथ शेट्टी को सदस्य सचिव और महेंद्र व्यास को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि टीम निरीक्षण के लिए कोटद्वार पहुंच चुकी है। टीम 30 मार्च तक राजाजी टाइगर रिजर्व और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र में अनियमितताओं से संबंधित शिकायतों का मौके पर जाकर निरीक्षण करेगी। प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) विनोद कुमार सिंघल की ओर से निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों को तमाम पत्रावलियों के साथ मौके पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। कमेटी उन तमाम जगहों पर मौके पर जाकर निरीक्षण करेगी, जहां अवैध रूप से पेड़ काटे जाने और अवैध निर्माण की शिकायत है। सबसे पहले कमेटी निर्माणाधीन लालढांग चिल्लरखाल मोटर मार्ग का निरीक्षण करेगी।