उत्तराखण्ड
17-18 मई को 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ भारी बारिश की संभावना
सीएन, देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदलने जा रहा है, मौसम विभाग की मानें तो उत्तराखंड के पश्चिम विक्षोभ की सक्रियता के चलते बंगाल की खाड़ी से आ रही हवाओं के चलते पर्वतीय क्षे़त्रों में इन दिनों कभी-कभार बारिश हो जा रही है, बात करें उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों की तो कुमायूं के पिथौरागढ़, बागेश्वर तथा गढ़वाल के जिलों में चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग में # मई को तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने व भारी बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार 17-18 मई को 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ भारी बारिश की संभावना है। साथ ही बिजली गिरने की संभावना जताई है। मौसम विभाग का मानना है कि पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और बंगाल की खाड़ी से आ रही हवाओं के चलते राज्य के पर्वतीय इलाकों में हवाओं का दबाव बन रहा है जिस वजह से आए दिन बरसात हो रही है। साथ ही मैदानी क्षेत्रों की बात करें तो यहां भी बादल छाए रहेंगे और तापमान में गिरावट आएगी। मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड में मानसून पहले ही पहुंच जाएगा। दरअसल अप्रैल से 31 मई तक की जो बारिश होती है वह प्री मॉनसून या फिर समर सीजन की बारिश के नाम से जाना जाता है। हर साल मानसून 1 जून के आसपास केरल पहुंचता है और उत्तराखंड समेत हिमालयी राज्यों में 20 दिन का समय लगता है मगर यदि मानसून 1 जून से पहले दस्तक देता है तो राज्य में भी मॉनसून पहले पहुंच जाएगा