उत्तराखण्ड
हरक सिंह रावत की करीबी खंड शिक्षा अधिकारी पर कसा जांच का शिकंजा
बिना अनुमति के 20 करोड़ की धनराशि हस्तांतरण कर वित्तीय अनियमितता का आरोप
सीएन, देहरादून। एक बार फिर प्रदेश शासन ने पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की करीबी रहीं शिक्षा विभाग की खंड शिक्षा अधिकारी पर जांच का शिकंजा कस दिया है। उन्हें शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना उन्हें कर्मकार बोर्ड का अपर सीईओ बना दिया गया था जो कि विवादों में रहा तत्कालीन शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने नाराजगी जताते हुए इस पर कार्यवाही की बात कही थी। बतातें चलें कि शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी रहीं दमयंती रावत जो कि पूर्व मंत्री हरक सिह रावत के करीबी मानी जाती है उन्हें पूर्व में मंत्री रहे हरक सिंह रावत ने अपने कार्यकाल मेंउत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का सचिव बना दिया गया। पूर्व में मंत्री रहे हरक सिंह रावत और पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे आमने सामने आ गए थे। शिक्षा विभाग की अनुमति के बिना उन्हें कर्मकार बोर्ड का अपर सीईओ बना दिया गया था। जिसके बाद पूर्व में मंत्री रहे हरक सिंह रावत और पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे आमने सामने आ गए थे। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इस पर नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि दमयंती के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि इस दौरान दमयन्ती रावत पर सचिव रहते हुए बिना प्रशासनिक अनुमति के 20 करोड़ की धनराशि हस्तांतरण कर वित्तीय अनियमितता का आरोप है। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक दमयंती रावत उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड देहरादून में सचिव के पद पर कार्यरत थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज की गैर प्रशासनिक वित्तीय स्वीकृति प्राप्त परियोजना के पक्ष में बिना सक्षम प्राधिकारी व प्रशासनिक अनुमति के कर्मचारी राज्य बीमा योजना को ऋण के रूप में 20 करोड़ रुपये हस्तांतरित कर दिए। सचिव के अनुसार दमयंती ने ऐसा कर वित्तीय नियमों का उल्लंघन किया है। अब सचिव इस मामले की जांच कराने के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है। श्रम आयुक्त संजय कुमार की अध्यक्षता में गठित समिति में वित्त नियंत्रक विद्यालयी शिक्षा मोहम्मद गुलफाम अहमद एवं उप निदेशक माध्यमिक शिक्षा हरेराम यादव को शामिल किया गया है. समिति से 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
इधर दमयंती रावत सभी आरोपों पर अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए सभी आरोपों को अस्वीकार किया है दमयंती का विवादों से पुरान रिस्ता रहा है वह हमेश ही विवादों में रही है इस विवाद से पहले भी दमयंती रावत और पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के बीच भी विवाद हो चुका है। अब देखना होगा कि दमयंती पर शासन किस प्रकार और क्या कार्यवाही करता है यह भी तब जब दमयंती रावत पर गंभीर वित्तीय अनियमित्ताओं का आरोप लगा हो.और दुसरी ओर वह पूर्व मंत्री डा. हरक सिह रावत की बेहद करीबी मानी जाती हैं।