उत्तराखण्ड
उत्तराखंड : विधायकों के बीच गाली गलौज, फायरिंग पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए डीएम व एसएसपी को किया तलब, कहा-अक्षम्य घटना
सीएन, नैनीताल। भाजपा नेता कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन और खानपुर विधायक उमेश कुमार के बीच हुए विवाद और फायरिंग की घटना के बाद हरिद्वार पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। देहरादून डीएम ने विधायक उमेश कुमार का शस्त्र लाइसेंस निरस्त करते हुए नोटिस जारी किया है। इसके पहले हरिद्वार डीएम ने पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह और उनके परिजनों के 9 शस्त्रों का लाइसेंस भी निरस्त कर दिये थे। पुलिस ने दोनों पक्षों के 150-150 लोगों पर पाबंद मुचलका किया है। एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने बताया कि पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए यह कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर जनपद हरिद्वार की शांति व्यवस्था को भंग नहीं होने दिया जाएगा। कानून व्यवस्था को चुनौती देने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने 24 घंटे के भीतर दोनों पक्षों के 10 शस्त्रों के लाइसेंस निरस्त किए हैं। पुलिस की यह कार्रवाई दोनों पक्षों के लिए एक कड़ा संदेश है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले रूड़की स्थित खानपुर विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पर फायरिंग की घटना हुई थी। इस घटना के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया था। हरिद्वार जिला प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई चल ही रही थी,कि उच्च न्यायालय, नैनीताल ने स्वत: संज्ञान लेकर विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच गाली गलौज फायरिंग की घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए हरिद्वार के डीएम व एसएसपी को तलब किया है। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की अदालत ने गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को हुए सरेआम झगड़े के सभी सबूत प्रस्तुत करने को भी कहा है। अदालत ने आदेश दिया है कि उमेश कुमार व चैम्पियन के अपराधों , मुकदमों व हथियारों की पूरी डिटेल, दोनों आरोपियों के बीच झगड़े से सम्बंधित सभी वीडियो फुटेज, अखबारों की कतरन, सोशल व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारित सभी वीडियो फुटेज व तस्वीरों को भी प्रस्तुत किया जाए।