उत्तर प्रदेश
हाय गर्मीः 26 साल पुरानी यादें ताजा, 46 डिग्री रहा था पारा, राह चलते गिर रहे थे लोग
हाय गर्मीः 26 साल पुरानी यादें हो रहीं ताजा, 46 डिग्री रहा था पारा, राह चलते गिर रहे थे लोग
सीएन, वाराणसी। बनारस में इन दिनों जिस तरह से गर्मी पड़ रही है उसने लोगों की 26 साल पुरानी यादें ताजा हो आई हैं। हालांकि उन दिनों की याद आते ही कंपकपी सी छूटने लगती है, जब आसमान से बरसते अंगारों के चलते राह चलते लोग अचानक अचेत हो कर गिरते और उनके प्राण-पखेरू उड़ जाते। श्मशान घाटों पर शवदाह के लिए जगह नहीं बची थी। तब तापमान करीब सप्ताह भर तक 46 डिग्री सेल्सियस बना रहा। बेहिसाब गर्मी अब 26 साल पहले की याद दिलाने लगी है, जब करीब एक सप्ताह तक पारा 46 डिग्री सेल्सियस पर अटका रहा। गर्मी ऐसी कि काशी के दोनों श्मशानों पर शवदाह के लिए जगह नहीं बची थी। शवयात्रा में जाने वालों में से कइयों की जान जा रही थी। राह चलते लोग अचानक अचेत हो कर गिरते और उनके प्राण पखेरू उड़ जाते। हालांकि अभी वैसा मंजर तो नहीं है पर हालात उससे कमतर भी नहीं।एक सप्ताह बीत गया पर तापमान से अब भी आग ही बरस रही है। पारा 44 डिग्री सेल्सियस से नीचे आने का नाम ही नहीं ले रहा। रविवार को अधिकतम तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक ये तापमान सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस ऊपर है। वर्तमान में बनारस पूर्णतया हीट वेव की चपेट में है। मौसम विज्ञान विभाग ने 13 जून तक हीट वेव की भविष्यवाणी की है। आलम ये है कि सुबह नौ बजते-बजते ही लू चलने लग रही है और दोपहर आते-आते हाल बुरा हो जा रहा है। सोमवार को तड़के 5 बजे वाराणसी का तापमान 31.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन तो दिन रात में भी कोई राहत नहीं मिल रही है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार आधी रात के बाद भी तापमान 33 डिग्री के ऊपर ही दर्ज किया जा रहा है। इसके चलते लोगों की रात की नींद भी उड़ जा रही है। हवा में नमी 60 फीसद होने के चलते उमस से मानों दम घुटने लग रहा हो। वैसे मौसम विभाग अब कुछ राहत के संकेत दे रहा हैं। मौसम विभाग का अनुमान है कि बनारस में 15 जून से मौसम में तब्दीली आ सकती है। हल्की बारिश हो सकती है। इसके तहत 15-16 जून को हल्की तो 17-18 जून को गरज-चमक संग बरसात होने की संभावना बन रही है। लेकिन अभी तो हालत गंभीर है।