उत्तर प्रदेश
महाशिवरात्रि 2023 : 7 सदियों में पहली बार बना दुर्लभ संयोग, एक मुखी रुद्राक्ष लायें घर
महाशिवरात्रि 2023 : 7 सदियों में पहली बार बना दुर्लभ संयोग, एक मुखी रुद्राक्ष लायें घर
सीएन, प्रयागराज। इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी शनिवार को है। इस साल महाशिवरात्रि पर ऐसा दुर्लभ संयोग बना है, जो 7 सदियों में पहली बार हो रहा है। महाशिवरात्रि के दिन 5 महायोग बन रहे हैं और इसके अलावा इस दिन शनि प्रदोष व्रत भी है। 5 महायोग और प्रदोष व्रत का अद्भुत संयोग महाशिवरात्रि को और भी विशेष बना रहे हैं। इस दिन आप एक व्रत से दोनों व्रतों के पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं, इसके लिए आप सायंकाल के शुभ मुहूर्त में पूजा करें। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि इस बार महाशिवरात्रि पर 5 शुभ योग सर्वार्थसिद्धि, केदार, वरिष्ठ, शश और शंख योग बन रहे हैं. इस दिन प्रदोष व्रत की त्रयोदशी तिथि रात 08:02 बजे तक है और उसके बाद महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो जा रही है। इस दुर्लभ संयोग में आप व्रत और शिव पूजा करके भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। उनकी कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी। महाशिवरात्रि पर सुबह से भगवान शिव शंकर की पूजन प्रारंभ हो जाएगा, लेकिन आप इस दिन शुभ-उत्तम मुहूर्त में पूजा करके अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन पूजा के लिए शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 08 बजकर 22 मिनट से सुबह 09 बजकर 46 मिनट तक है। वैसे महा शिवरात्रि के दिन रात्रि के समय में शिव पूजा करना ज्यादा अच्छा माना जाता है। इस दिन प्रदोष व्रत भी है, ऐसे में आप शाम 06 बजकर 13 मिनट से शाम 07 बजकर 49 मिनट के बीच भोलेनाथ की पूजा कर सकते हैं। इसके अलावा निशिता मुहूर्त में सिद्धियों के लिए महाशिवरात्रि की पूजा करते हैं।
महाशिवरात्रि पर एक मुखी रुद्राक्ष समेत घर ले आएं
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। ऐसे में इस दिन महादेव और मां गौरी की पूजा अर्चना करने भक्तों के जीवन के सभी दुख दूर होते हैं। कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन अगर भगवान शिव की प्रिय चीजों का घर ले आया जाए, तो इससे व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही, भगवान का आशीर्वाद मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महाशिवरात्रि पर अगर कुछ चीजों को घर ले आया जाए, तो निश्चित ही हर समस्या का समाधान होता है और व्यक्ति को आर्थिक रूप से संपन्नता मिलती है।
एक मुखी रुद्राक्ष-भगवान शिव का प्रिय रुद्राक्ष की उत्पत्ति महादेव के आंसुओं से हुई थी। कहते हैं रुद्राक्ष शांति और समृद्धि का प्रतीक होता है। ऐसे में अगर आप इसे घर लाना चाहते हैं, तो महाशिवरात्रि का दिन इसके लिए बेहद खास है। ज्योतिषीयों के अनुसार एक मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव के मंत्रोच्चार से सिद्ध करके धारण करने या घर में स्थापित करने से व्यक्ति के ऊपर से बड़े से बड़ा संकट भी दूर हो जाता है। इतना ही नहीं, कहते हैं कि इसे तिजोरी में रखने से धन की कमी नहीं होती।
तांबे का कलश-कहते हैं कि इस दिन तांबे के कलश से भगवान शिव का जलाभिषेक करने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। कहते हैं कि घर में लड़ाई-झगड़ों से निजात पाने के लिए तांबे का कलश रखना शुभ माना जाता है। ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन तांबे का कलश खरीद कर लाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
पारद शिवलिंग-ज्योतिष शास्त्र में पारद शिवलिंग को स्थापित करने का विशेष महत्व बताया गया है। इसे घर में स्थापित करने से पितृ दोष, कालसर्प दोष, वास्तु दोषों से मुक्ति मिलती है। बता दें कि महाशिवरात्रि पर पारद शिवलिंग लाने के लिए सबसे उत्तम दिन है। इसे घर लाने के बाद नियमित रूप से इसकी पूजा करनी चाहिए।
चांदी के नंदी- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नंदी को भगवान शिव का वाहन माना जाता है. ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन घर में चांदी के नंदी की स्थापना करना शुभ बताया गया है। इस शुभ दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का विधान है। कहते हैं कि अगर किसी जातक के घर में पैसा नहीं टिकता, तो उसे घर में चांदी के नंदी बनवाकर घर में रख लेने चाहिए। पूजा के बाद चांदी के नंदी को घर की तिजोरी या धन रखने वाले स्थान पर रखने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।
रत्नों का शिवलिंग– शिवलिंग का जलाभिषेक किए बिना महाशिवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है। अगर किसी व्यक्ति को ग्रहों से जुड़ी समस्या हो रही है, तो महाशिवरात्रि के दिन रत्नों से जुड़े शिवलिंग को घर लाया जा सकता है। इसे घर के मंदिर में स्थापित करें और नियमित रूप से पूजा करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं और परेशानियां दूर होती हैं।