उत्तर प्रदेश
नार्थ सेन्ट्रल जोन इंश्योरेंस एम्प्लाईज फेडरेशन का युवा कर्मचारियों प्रशिक्षण शिविर भीमताल में सम्पन्न
सीएन, भीमताल। उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश के बीमा कर्मचारियों’ के सबसे बड़े संगठन नार्थ सेन्ट्रल जोन इंश्योरेंस एम्प्लाईज फेडरेशन का युवा कर्मचारियों हेतु प्रक्षिक्षण शिविर भीमताल के होटल वाटरगेट में सम्पन्न हुआ। शिविर में आल इण्डिया इंश्योरेंस एम्प्लाईन एसोसियेशन के कोषाध्यक्ष कॉम. बीएस रवि ने बताया कि संघर्षो के फलस्वरूप ही 1956 में भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना हुई थी। यूनियन की समझ थी कि आजादी के बाद देश का विकास घरेलू बचत से ही संभव है। तब से लेकर आज तक एलआईसी ने देश की पंचवर्षीय योजनाओं में आगे बढ़कर 50 लाख करोड़ से अधिक का योगदान किया, दूसरी और लगभग चालीस करोड़ बीमाधारकों को भी आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है। बीमा क्षेत्र के राष्ट्रीयकरण के फलस्वरूप ही हजारों-लाखों लोगों को उच्च गुणवत्तायुक्त रोजगार भी प्रदान किया जा सका है। उन्होंने कर्मचारियों से एलआईसी की रक्षा हेतु संघर्ष करने व पालिसीधारकों को उत्तम सेवा प्रदान करने पर जोर दिया।क्षेत्रीय अध्यक्ष कॉम. संजीव शर्मा ने कहा कि एलआईसी के शेयर जारी करके सरकार ने देश की आर्थिक सम्प्रभुता को खत्म करने की और कदम बढ़ा दिया है। लगभग सात लाख करोड़ रूपये की वार्षिक आय वाली संस्था एलआईसी को महज 21000 करोड़ रूपये के लिये निजीकरण की ओर धकेल दिया गया है। स्पष्ट है कि राजकोषीय घाटे का बहाना बनाकर बड़े-बड़े देशी-विदेशी निवेशकों को प्रसन्न करने हेतु सरकार ने यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद बेरोजगारी सर्वोच्च स्तर पर है, महंगाई की मार से देश की जनता कराह रही है, लेकिन जनता का ध्यान इन मुद्दों से हटाने के लिये जातीय, क्षेत्रीय, भाषाई और साम्प्रदायिक मुद्दों को हवा दी जा रही है। उन्होंने आगाह किया कि देश श्रीलंका के रास्ते पर जा रहा है, हम भी ऐसी तबाही से बहुत दूर नहीं है, देश की अर्थव्यवस्था को सहारा देने वाले सार्वजनिक संस्थानों को एक-एक करके खत्म किया जा रहा है। उन्होंने भी इन जनविरोधी नीतियों को पलटने के लिये जनता को लामबंद करने का आह्वान किया। क्षेत्रीय महामंत्री कॉम. राजीव निगम ने एलआईसी के आईपीओ की प्रक्रिया को पूरी तरह अपारदर्शी बताते हुए इसमें भारी घोटाले की आशंका प्रकट की। प्रारंभ में एलआईसी का मूल्यांकन 16 लाख करोड़ रूप किया गया था, जिसे आईपीओ से ठीक पहले 6 लाख करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया गया, उन्होंने कहा कि एलआईसी के निजीकरण की नीतियों के खिलाफ विगत 20 वर्षों से संघर्षरत है, इस संघर्ष का ही परिणाम है कि एलआईसी की पालिसियों पर सरकारी गारंटी यथावत् जारी है। प्रशिक्षण शिविर में वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, फैजाबाद, मेरठ, बरेली, देहरादून, कानपुर, हल्द्वानी, आगरा व अलीगढ़ के सौ से अधिक, युवा कर्मचारियों ने भाग लिया।














































