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रूस के राष्ट्रपति पुतिन के आगे झुके 4 यूरोपीय देश

गैस खरीदने के लिए रूबल में कर रहे हैं पेमेंट
रॉयटर्स, मॉस्को।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में प्राकृतिक गैस के खरीदारों को रूबल में पेमेंट करने की मांग की है. उन्होंने धमकी देते हुए कहा था कि जो भी खरीदार रूबल में पेमेंट नहीं करेगा, उसकी गैस सप्लाई को रोक दिया जाएगा. अब रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप के 4 देशों ने पुतिन की शर्त मान ली है. ये देश रूस की करेंसी रूबल में ही गैस खरीद रहे हैं. हालांकि, इन चार देशों के नाम नहीं बताए गए हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी गैस दिग्गज गज़प्रोम पीजेएससी के सूत्र के अनुसार, चार यूरोपीय गैस खरीदारों ने पहले ही रूबल में सप्लाई का पेमेंट किया है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐसी मांग की थी. नाम न जाहिर करने की शर्त पर सूत्र ने बताया, ”भले ही अन्य खरीदार क्रेमलिन की शर्तों को अस्वीकार करते हैं, लेकिन कुछ देश पुतिन के आगे झुक रहे हैं.रूस ने पोलैंड और बुल्गारिया के लिए गैस की सप्लाई रोक दी है.’ सूत्र ने कहा, ”दस यूरोपीय कंपनियों ने रूस की भुगतान मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक गज़प्रॉमबैंक में पहले ही खाते खोल दिए हैं.” रूस 23 यूरोपीय देशों को पाइपलाइन के जरिए गैस की आपूर्ति करता है. पुतिन ने कहा कि रूसी गैस के खरीदारों को रूसी बैंकों में रूबल अकाउंट खोलने चाहिए. 1 अप्रैल से सप्लाई की जाने वाली गैस का पेमेंट इन्हीं अकाउंट्स के जरिए किया जा रहा है. अगर रूबल अकाउंट से भुगतान नहीं किया जाता है तो रूस खरीदारों को डिफाल्टर मानेगा और उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे. माना जा रहा है कि रूसी गैस का निर्यात पुतिन का सबसे बड़ा हथियार है. ऐसे में मुश्किल में फंसे पुतिन गैस सप्लाई को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रूस के ऊपर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को कम करना चाहते हैं. दरअसल, अधिकतर यूरोपीय देशों ने रूबल में पेमेंट करने की मांग को खारिज कर दिया है. रूसी गैस का सबसे बड़ा उपभोक्ता जर्मनी ने तो पुतिन की मांग को ब्लैकमेलिंग करार दिया है. यूरोप पहले से ही प्राकृतिक गैस की कीमतों में बेहताशा बढ़ोत्तरी से हलकान है. ऐसे में रूस अगर गैस सप्लाई रोकता है तो यूरोपीय देशों में भुखमरी की नौबत आ सकती है. इतना ही नहीं, करोड़ों लोगों को गैस की कमी से भीषण ठंड का भी सामना करना पड़ सकता है.

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