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4 अप्रैल को है अंतर्राष्ट्रीय खनन जागरूकता दिवस: विनाशकारी प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित दिन

4 अप्रैल को है अंतर्राष्ट्रीय खनन जागरूकता दिवस: विनाशकारी प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित दिन
सीएन, नैनीताल। अंतर्राष्ट्रीय खनन जागरूकता दिवस 2024 4 अप्रैल, 2024 को है। यह दिन दुनिया भर के समुदायों पर बारूदी सुरंगों और युद्ध के विस्फोटक अवशेषों के विनाशकारी प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। यह उन लोगों के प्रयासों को पहचानने का भी दिन है जो बारूदी सुरंगों के खतरे को कम करने और उनसे प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए काम कर रहे हैं। प्रतिवर्ष 4 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र खदान जागरूकता और खनन कार्रवाई में सहायता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है । यह प्रस्ताव 8 दिसंबर 2005 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित किया गया था और पहली बार 4 अप्रैल 2006 को यह दिवस मनाया गया । तब से संयुक्त राष्ट्र की खान कार्रवाई से इस दिशा  में काम करने का प्रयास कर रही है । इसे मनाने  का उद्देश्य श्बारूदी सुरंगों लैंड माइंस के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनके उन्मूलन की दिशा में काम को आगे बढ़ाना है । जबकि खनन कार्रवाई का तात्पर्य है बारूदी सुरंगों और युद्ध के विस्फोटक अवशेषों को हटाना और खतरनाक क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें बंद करने के प्रयास करना। खतरनाक बारूदी सुरंगें हर साल अनेक लोगों की मृत्यु का कारण बनती हैं। लैंडलाइन से होने वाली दुर्घटनाओं में ज्ञात उम्र के अनुसार छोटे बच्चों का आंकड़ा 43 प्रतिशत है । बारूदी सुरंगें मानवता के लिए खतरा हैं । इस समस्या के समाधान के लिए 1997 में नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में एक अंतर्राष्ट्रीय  सम्मेलन के दौरान यह  सहमति बनी कि इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जाना अत्यंत आवश्यक है । इसी वर्ष एंटी.पर्सनल माइन बैन कन्वेंशन पारित किया गया जिसे ओटावा संधि के नाम से भी जानते हैं। इस संधि पर 164 देशों ने हस्ताक्षर किया। एंटी.पर्सनल माइन बैन कन्वेंशन या ओटावा संधि बारूदी सुरंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की एक पहल है। यह मानव.रोधी बारूदी सुरंगों पर प्रतिबंध लगाता है। 

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