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रूस-यूक्रेन युद्ध की वर्षगांठ : 3 लाख लोगों की मौत, यूक्रेन बना खंडहर

रूस-यूक्रेन युद्ध की वर्षगांठ : 3 लाख लोगों की मौत, यूक्रेन बना खंडहर
सीएन, कीव।
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध को 24 फरवरी को एक साल पूरा हो गया। जंग अब दूसरे साल में प्रवेश कर चुकी है और अभी तक दोनों देशों के बीच किसी भी किसी भी मुद्दे को लेकर सहमति नहीं बनी है। पिछले एक साल में इस जंग ने हजारों लोगों की जिंदगियां छीन ली, शहरों और कस्बों को पूरी तरह से तबाह कर दिया, पुतिन के सैन्य अभियान ने लाखों लोगों को यूक्रेन से पलायन करने पर मजबूर कर दिया। दोनों देश अब भी डटे हुए हैं और कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं। एक अनुमान के अनुसार, इस युद्ध में अब तक लगभग 3 लाख लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग लापता हैं। रूस और यूक्रेन किसी ने भी अभी तक ये आधिकारिक आंकड़ा नहीं दिया है, लेकिन अलग-अलग जारी आंकड़ों मुताबिक, बीते एक साल में इस युद्ध की भेंट लगभग 3 लाख लोग चढ़ चुके हैं। नार्वे चीफ ऑफ डिफेंस की रिपोर्ट के अनुसार, इस युद्ध में 22 जनवरी 2023 तक यूक्रेन के तीस हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। एक लाख बीस हजार से ज्यादा यूक्रेनियन जवान अपनी जान गंवा चुके हैं। कुछ रिपोर्ट्स ये दावा करती हैं कि यूक्रेन से ज्यादा रूसी सैनिकों की मौत हुई। इसके अलावा करीब सात हजार से ज्यादा रूस का साथ देने वाले यूक्रेनियन अलगाववादी भी मारे जा चुके हैं। वहीं, दोनों ओर से दो लाख से ज्यादा जवान और नागरिक लापता हैं। युद्ध की पहली वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव भी पास किया गया। प्रस्ताव में रूस से यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने और अपनी सेनाएं वापस बुलाने को कहा गया है। इस प्रस्ताव के समर्थन में 141 मत पड़, जबकि 32 देश वोटिंग से दूर रहे। इन देशों में बेलारूस, उत्तर कोरिया, इरीट्रिया, माली, निकारागुआ, सीरिया और भारत भी शामिल हैं। रूसी हमले के विरोध में अमेरिका समेत दुनिया के कई देश यूक्रेन के साथ आ गए हैं। अभी दुनिया के 80 से ज्यादा देशों से यूक्रेन को समर्थन कर रहे हैं। अमेरिका खुलकर यूक्रेन के साथ खड़ा है. हाल ही में अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचकर अपने इरादे साफ कर दिए थे। उन्‍होंने कहा था कि वह अंत तक यूक्रेन के साथ खड़े रहेंगे। अमेरिका समेत 31 देश ऐसे हैं, जो यूक्रेन को घातक हथियार और मिसाइलें दे रहे हैं। ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई अन्य देशों के राष्ट्रपति और राष्ट्राध्यक्ष भी यूक्रेन का दौरा कर चुके हैं। इस सबके बीच, एक अहम बात ये है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जंग को और आगे बढ़ाना चाहते हैं। पुतिन की योजना जंग को और तेज करने की है। इसका उदाहरण है नई मल्टी-वारहेड अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइलों की तैनाती की घोषणा। इसी के साथ, पुतिन ने परमाणु हथियारों के नियंत्रण पर अमेरिका के साथ की गई संधि को भी निलंबित कर दिया है। यूक्रेन के मैरियूपोल, दोनेत्स्क, खेरसॉन, लुहांस्क पर रूसी सेना का कब्जा है। कई राज्यों में रूस और यूक्रेन के बीच आक्रामक युद्ध जारी है। नए शहरों पर कब्जा करने के साथ-साथ रूसी सैनिक अपने इलाकों की रक्षा में जुटी यूक्रेनी सेनाओं पर तोप से गोले बरसा रहे हैं। रूस इस वक्त दो तरफ से उत्तर में आइजम और पश्चिम में सेवेरदोनेत्स्क से हमला कर रहा है। रूस ने संकेत दिया था कि वह युद्ध का एक साल पूरा होने पर हमले तेज करेगा। ऐसे में अमेरिका ने भी यूक्रेन को दी जा रही सैन्‍य सहायता में इजाफा करने का ऐलान किया है। ऐसे में रूस-यूक्रेन युद्ध के निकट भविष्‍य में खत्‍म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। दोनों पक्षों में से किसी के भी नरम पड़ने का कोई संकेत नहीं दिख रहा। मॉस्को ने इस युद्ध में अब लगभग 5,00,000 सैनिक तैनात कर दिए हैं, जो पिछली फरवरी में हमला करते समय तैनात किए गए सुरक्षा बलों के दोगुने से भी ज्यादा है। कीव के मुख्य सहयोगी पश्चिमी देश उसे वित्तीय और सैन्य समर्थन देने के साथ-साथ, रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बख्तरबंद वाहन, सटीक निशाना लगाने वाले बम, युद्धक टैंक और मिसाइल रक्षा प्रणाली भेज रहे हैं।

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