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यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस का सबसे बड़ा खतरनाक एक्शन

अटलांटिक सागर में उतारीं पनडुब्बियां, परमाणु हमले की आशंका
सीएन, कीव।
यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस लगातार अपने हमले तेज कर रहा है। इस बीच अब तक की सबसे बड़ी खबर सामने आई है। रूस ने जंग के बीच परमाणु हमले को लेकर कदम उठा लिया है। रूस ने अपनी परमाणु पनडुब्बियों को नॉर्थ अटलांटिक सागर में तैनात करने का निर्देश दिया है। रूस और यूक्रेन के बीच लगातार 31 वें दिन भी जंग जारी है। दोनों देश एक दूसरे से समझौता करने के लिए तैयार नहीं हो रहे। खास बात यह है कि, रूसी सेना आए दिन और अधिक आक्रामक होती जा रही है। इस बीच रूस की ओर से बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल एक महीने से अधिक चल रहे इस युद्ध में रूस ने अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाया है। रूस ने अपनी परमाणु पनडुब्बियों को उत्तरी अटलांटिक सागर में तैनात करने का निर्देश दिया है। दरअसल हाल में रूस ने चेतावनी दी थी कि, अगर नाटो अपनी हदें पार करेगा तो रूस युद्ध में परमाणु हथियार के इस्तेमाल से भी नहीं चूकेगा। रूस ने अटलांटिक सागर में परमाणु पनडुब्बियां उतार दी हैं। ये पनडुब्बियां समंदर का चक्कर लगाकर वापस लौटी। रूस की हर पनडुब्बी 16 मिसाइलों से लैस है। एटमी अटैक की धमकी के एक दिन बाद ये पनडुब्बियां संदर में उतारी गईं है। इसके बाद से परमाणु हमले का खरता और भी बढ़ गया है। रूस ने दावा किया है कि उसके सैन्य अभियान का पहला चरण लगभग पूरा हो गया है और इसके बाद उसके सैनिक पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र को पूरी तरह से मुक्त करने पर केंद्रित करेंगे। दूसरी ओर, अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दक्षिणपूर्वी पोलैंड की यात्रा की, जहां उन्होंने अमेरिकी सैनिकों और शरणार्थियों की सहायता करने वाले सहायता कर्मियों से मुलाकात की। बता दें कि रूस ने 3 मार्च से ही अपने परमाणु हथियारों को हाई अलर्ट पर रखा है। वहीं 22 मार्च को रूस ने दो टूक कहा था, अगर नाटो ने सीमा लांघी तो रूस परमाणु हमले से नहीं चूकेगा। रूस ने कहा था कि, अगर उनके सामने ‘अस्तित्व का खतरा’ खड़ा होगा तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा. यह बात क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कही है। बता दें कि दुनिया में परमाणु हथियार की सबसे ज्यादा खेप रूस के ही पास है। ऐसे में युद्ध के बीच अगर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हुआ तो ये तबाही आने वाले कई वर्षों तक मची रहेगी। ब्रसेल्स में नाटो की अहम बैठक हुई। इसमें अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी हिस्सा लिया। दरअसल अमरीका और नाटो लगातार रूस को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। पौलेंड दौरे पर भी बाइडेन ने रूस को रोकने संबंध एजेंडे पर बात की। युद्ध के बीच एक बार फिर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की ने रूस से बातचीत की पेशकश की है। जेलेंस्की ने कहा कि आम लोगों की खातिर इस युद्ध को रोका जाए। जेलेंस्की ने नाटो और दुनिया के अन्य देशों से भी रूस को रोकने की अपील की है।
रूस और यूक्रेन के बीच लगातार 31 वें दिन भी जंग जारी है। जैसे-जैसे यह युद्ध आगे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे रूसी सेना आक्रामक होती जा रही है। लिहाजा यूक्रेन के कई शहर इसमें तबाह हो गए. अब यूक्रेन के अधिकारियों की ओर से ये दावा किया जा रहा है कि हाल ही में रूसी सेना ने मारियुपोल थिएटर पर एयर स्ट्राइक की थी। इस हमले में करीब 300 लोग मारे गए। रूसी सेना की आक्राकमता के बीच अब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का बड़ा बयान सामने आया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस से युद्ध को समाप्त करने के लिए फिर से बातचीत करने की अपील की है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन शांति के लिए अपने किसी भी क्षेत्र को छोड़ने के लिए सहमत नहीं होगा। जेलेंस्की राष्ट्र के नाम शुक्रवार रात अपने वीडियो संबोधन में रूसी जनरल स्टाफ के उप प्रमुख कर्नल जनरल सर्गेई रुडस्कोई को जवाब देते हुए दिखाई दिए। रुडस्कोई ने कहा था कि रूसी सेना अब मुख्य लक्ष्य, डोनबास की मुक्ति पर ध्यान केंद्रित करेगी। रूस समर्थित अलगाववादियों का 2014 से पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र के हिस्से पर नियंत्रण है। रूसी सेना यूक्रेन से और अधिक क्षेत्र को नियंत्रण में करने के लिए जूझ रही है, जिसमें मारियुपोल शहर भी शामिल है। जेलेंस्की ने उल्लेख किया कि रूसी सेना ने हजारों सैनिकों को खो दिया है लेकिन अब भी वह कीव या खारकीव पर कब्जा करने में सक्षम नहीं है। यूक्रेनी सेना भी रूसी सेना का डटकर मुकाबला कर रही है। यूक्रेनी सैनिकों ने बर्डियांस्क में रूसी जहाज को नष्ट कर दिया है। इसकी सैटेलाइट इमेज भी जारी की गई है। बता दें कि मैक्सार टेक्नोलॉजीज की ओर से इस तस्वीर को जारी किया गया है। इस बीच जर्मनी ने यूक्रेन को लड़ाई आगे बढ़ाने के लिए 1500 और मिसाइलें भेजी हैं। रूस के सैन्य जनरल स्टॉफ के उप-प्रमुख ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन में 1,351 रूसी सैनिक मारे गए हैं। कर्नल-जनरल सर्गेई रुडस्कोई ने कहा कि 3,825 रूसी सैनिक घायल हुए हैं। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने अनुमान लगाया था कि यूक्रेन में चार सप्ताह के युद्ध के दौरान सात हजार से 15 हजार रूसी सैनिक मारे गए हैं। रूसी आंकड़े में पूर्वी यूक्रेन में लड़ रहे रूस समर्थित अलगाववादियों को शामिल नहीं किया गया है।

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