क्राइम
हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता की पत्नी के बैंक का लॉकर तोड़कर करोड़ों के जेवर चोरी
हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता की पत्नी के बैंक का लॉकर तोड़कर करोड़ों के जेवर चोरी
सीएन, रुड़की। बैंक के लॉकर में आप अपना कीमती सामान, या फिर बेशकीमती आभूषण रखकर घर में चैन की नींद सोते हैं लेकिन यहां उत्तराखण्ड के रुड़की में हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता की पत्नी के बैंक का लॉकर तोड़कर करोड़ों के जेवर चोरी करने का मामला सामने आया है। जिसने सबके होश उड़ा दिए हैं। अधिवक्ता ने बैंक प्रबंधक और कर्मचारी पर लॉकर तोड़कर जेवर गायब करने का आरोप लगाया है। मामले में बैंक प्रबंधक का कहना है कि वह लॉकर किसी दूसरे व्यक्ति के नाम था। उसे नोटिस देकर लॉकर तोड़ा गया था। लॉकर का सभी सामान सुरक्षित है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। सीसीटीवी कैमरे भी खंगाल रही है। रुड़की के साकेत कॉलोनी निवासी सिद्धार्थ सिंह नैनीताल हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। उनकी पत्नी आशु सिंह का सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र स्थित एक बैंक में लॉकर है। अधिवक्ता सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि 22 जनवरी को उनके बेटे की सगाई है। इसके चलते वह मंगलवार सुबह बैंक से जेवर निकालने गए थे। वहां पर उन्हें बैंक का लॉकर टूटा मिला। उन्होंने इस बाबत बैंक प्रबंधक से जानकारी ली तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इस पर उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस बैंक पहुंची और मामले की जानकारी ली। वहीं मामले की जानकारी होते ही विधायक प्रदीप बत्रा भी बैंक पहुंच गए। पुलिस ने बैंक प्रबंधक से लॉकर संबंधित जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि यह लॉकर दो लोगों के नाम है। लॉकर चाबी से खुल नहीं रहा था। उन्हें कुछ दिन पहले ही नोटिस दिया गया था। इसके बाद उनके सामने ही लॉकर को तोड़ा गया। लॉकर का सभी सामान सुरक्षित है। वहीं अधिवक्ता ने बताया कि 1997 से लॉकर उनकी पत्नी के नाम है। लॉकर में करोड़ों के पुश्तैनी और उनके द्वारा खरीदे गए जेवर समेत अन्य कागजात भी रखे हुए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधक और कर्मचारी ने मिलीभगत कर लॉकर को तोड़कर जेवर गायब कर दिए हैं। वह इस संबंध में पुलिस के साथ-साथ कोर्ट भी जाएंगे। सिविल लाइंस कोतवाली के कार्यवाहक कोतवाली प्रभारी प्रदीप तोमर ने बताया कि बैंक में लगे सीसीटीवी की जांच की जा रही है। बैंक प्रबंधक जिन दो व्यक्तियों के नाम पर लॉकर होने की बात बता रहे हैं। उनसे भी पूछताछ की जा रही है। मामले में जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।