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क्राइम

कोर्ट के आदेशों के बाद भी नैनीताल में हो रहे गुपचुप तरीके से निर्माण

प्राधिकरण व प्रशासन अवैध निर्माणों में अकुंश लगाने में हो रहा है नाकाम साबित
सीएन, नैनीताल।
झील विकास प्राधिकरण परिक्षेत्र में ग्रीन बेल्ट में प्रतिबंध के बावजूद नैनीताल के कई स्थानों में प्राधिकरण के लोगों की मिली भगत से गुपचुप तरीके से भवन निर्माण के लिए यहां हर रोज दर्जन भर यूटीलिटी निर्माण सामग्री ला रहे है। प्राधिकरण व प्रशासन की ओर से कई बार यह निर्णय लिया गया है कि हल्द्वानी व कालाढुंगी मार्ग से निर्माण सामग्री लाने वाले वाहनों की चैंकिंग कर अवैध निर्माण पर अकुंश लगाया जायेगा। लेकिन ऐसा कभी नहीं हो सका है। एक ओर नैनीताल में भवन निर्माण प्रतिबंधित होने की बात की जाती है तो दूसरी ओर नैनीताल में प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक यूटीलिटी निर्माण सामग्री लेकर आ रहे है। इसके अलावा यहां हाईवे व कालाढुंगी मार्ग के कई स्थानों में निर्माण सामग्री एकत्र कर उसकी बिक्री की जा रही है। अब तो हाई कोर्ट के आदेशों का पालन भी नही किया जा रहा है। बता दें कि झील विकास प्राधिकरण ने बीते दिनों नैनीताल में अवैध निमार्ण के खिलाफ अभियान चलाया था। कई अवैध निर्माणों को ध्वस्त भी किया था। इसके बावजूद अवैध निर्माणकर्ता अपनी मनमानी कर रहे हैं। मालूम हो कि सरोवर नगरी में अब तक डैजंर जोन व ग्रीन बेल्ट में किये गये अवैध निर्माण हटाने सम्बन्धी एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद निर्माणों को तोड़ने के आदेश दिये है। यही नहीं नैनीताल में हाउसिंग कालोनियों व व्यवसायिक निर्माण नहीं करने के आदेश भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में दिये गये थे। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने भी घोषित जोन में निर्माण पर रोक लगाई है लेकिन इसका असर आज तक नहीं दिखाई दिया है। राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण प्रशासन व प्राधिकरण मूक दर्शक की भूमिका में दिखाई पड़ते है। नैनीताल अपनी हरियाली के लिए प्रसिद्ध है लेकिन निर्माणकर्ता इसे कंक्रीट के जंगल में तब्दील करने पर जुटे है। प्राधिकरण व प्रशासन इसमें अकुंश लगाने में नाकाम साबित हो रहा है।

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