Connect with us

संस्कृति

नैनीताल में राम सेवक सभा संस्था 1918 में स्थापना के बाद ही कर रही होली का आयोजन

नैनीताल में राम सेवक सभा संस्था 1918 में स्थापना के ही होली का आयोजन
सीएन, नैनीताल।
फागोत्सव जिसे फगुआ भी कहा जाता है, बसंत ऋतु के जश्न का त्यौहार है जिसे बुराई पर अच्छाई, एकता प्रेम भाईचारे  तथा रंगों  शामिल है तो विष्णु, शिव, श्री हरि, गणेश के साथ कृष्ण एवं कुल देवताओं की पूजा भी इसमें की जाती है। वसंत ऋतु  के पर्व में भक्त अपने भगवान के साथ गुलाल और फूलों से होली खेलते हैं। इस दौरान भक्त कबीर, मीरा और राधा-कृष्ण के होली गीत  भी गाते हैं। ब्रज की होली हो या काली कुमाऊं की या बरसाने की होली लोगों को  प्रकृति के रंग, फूलों के साथ उल्लासित करते है। महिलाएं पहाड़ की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ा रहीं। महिलाएं घरों से निकलकर न केवल परम्परा को बचाये रखने में अहम रोल निभा रही हैं बल्कि इसके माध्यम से त्योहारों को जीवंत रखने व संस्कृति को संरक्षित करने में इनका योगदान अहम है। फ़ाग उत्सव में होलियारों के साथ-साथ बड़ी संख्या में देश.विदेश से आए पर्यटक भी हिस्सा लेते हैं। यह बसंत पंचमी से होली तक चलने वाला 40 दिनों का उत्सव होता है। फागोत्सव में फूलों रंगों से होली खेली जाती है। होली के दिन गाए जाने वाले गीत को फगुआ कहते हैं। फाग में होली खेलने, प्रकृति की सुंदरता और राधा कृष्ण के प्रेम का वर्णन होता है। नैनीताल में प्राचीनतम धार्मिक एवं संस्कृति संस्था 1918 में स्थापना के ही होली का आयोजन करती आ रही है किंतु फागोत्सव का यह 29  वा वर्ष है जिसे पूस के पहले इतवार से शुरू कर भगवानों को समर्पित किया जाता है। बसंत पंचमी से श्रृंगार एवं शिवरात्रि से शिव जी भी होली में शामिल होते है तथा रंग धारण से  होलिका दहन तक फागोत्सव की धूम रहती है जो लोगों को उत्साहित एवं उनमें जीवन में कलाकारों के माध्यम से  रंग घोलने का काम करते है। इसीलिए कहा गया है। कौन रंग फागुन रंगे, रंगता कौन वसंत,
प्रेम रंग फागुन रंगे, प्रीत कुसुंभ वसंत।
रोम रोम केसर घुली, चंदन महके अंग,
कब जाने कब धो गया, फागुन सारे रंग।
मन टेसू टेसू हुआ तन ये हुआ गुलाल
अंखियों, अंखियों बो गया फागुन कई……….

More in संस्कृति

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING