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मरने के बाद भी जिन्दा कैसे हो जाते है मुर्दा……आज भी लोगों के बीच मृत्यु का बना हुआ है रहस्य

मरने के बाद भी जिन्दा कैसे हो जाते है मुर्दा……आज भी लोगों के बीच मृत्यु का रहस्य बना हुआ
सीएन, जयपुर।
बीते दिनों राजस्थान में एक विचित्र घटना सामने आई है। झुंझनूं जिले में डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित किया गया व्यक्ति उस समय जिंदा हो गया, जब उसे चिता पर लिटाया जा रहा था। चिता पर लेटाते हुए अचानक उसके दिल की धड़कन वापस लौट आई। इस घटना के बाद मृत्यु के रहस्य पर एक बार फिर से चर्चा होने लगी है। गरुड़ पुराण में मृत्यु के बारे में विस्तार से बताया गया है।
गरुड़ पुराण में लिखा मृत्यु का रहस्य
आपने अपने आसपास कई ऐसी घटनाएं सुनी और देखी होंगी जब मरने के बाद लोग जिंदा हो जाते हैं। फिर से जिंदा हुए ये लोग दूसरी दुनिया में बिताए समय के बारे में अपने अनुभव बताते हैं। मृत्यु के रहस्य को समझने की कोशिश करें तो गरुड़ पुराण में मृत्यु के रहस्य के बारे में विस्तार से बताया गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु ही काल है। मृत्यु का समय आ जाने पर जीवात्मा का प्राण और देह से अलगाव हो जाता है। मृत्यु हमेशा अपने समय पर आती है। हर प्राणी काल के वश में होता है। सत, रज और तम, ये तीनों गुण भी काल के अधीन होते हैं। काल के अनुसार प्राणियों में ये अपना विस्तार करते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार हर मनुष्य की आयु इस धरती पर निर्धारित कर दी गई है। किसी भी मनुष्य को उस निश्चित आयु से ज्यादा या कम समय नहीं मिलता। लेकिन अगर किसी कारणवश किसी मनुष्य की सांस इस निश्चित समय से पहले बंद हो जाती है तो भगवान उस मृत हो चुके मनुष्य की आत्मा को वापस धरती पर भेज देते हैं। हिन्दू धर्म में गरुड़ पुराण को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुड़ देव से वार्ता के दौरान कुछ ऐसी बातें बताई थीं जिन्हें मनुष्य के लिए जानना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जब एक आत्मा शरीर त्यागती हैए तब सबसे पहले वह यमलोक जाती है। वहां यमदूत 24 घंटे के लिए आत्मा को रखते हैं और व्यक्ति के कर्मों को दिखाया जाता है। 24 घंटे पूर्ण होने के बाद आत्मा को पुनः अपने परिजनों के पास 13 दिनों के लिए भेज दिया जाता है जहां उनका सम्पूर्ण जीवन बीता था। 13 दिन बाद आत्मा अंतिम बार यमलोक की तरफ प्रस्थान करती है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि 13 दिन बाद यमलोक के मार्ग में आत्मा को तीन मार्ग. स्वर्ग लोक, नर्क लोक और पितृ लोक मिलते हैं। कर्मों के आधार पर व्यक्ति को आत्मा को इन तीनों में से किसी एक लोक में स्थान मिलता है। अपने जीवन काल में यदि व्यक्ति धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर चलता है तो उसे देवलोक की प्राप्ति होती है। जो अपने जीवन काल में कुकर्म करता है और भक्ति से दूर रहता है उसे नरक लोक में स्थान मिलता है।हाल ही में एक ऐसी घटना राजस्थान के झुंझुनूं जिले से भी सामने आई जहां घंटों पहले मर चुका व्यक्ति अपनी चिता पर लिटाने के दौरान उठ बैठा। यह ऐसी पहली घटना नहीं है बल्कि वर्तमान समय के साथ कई ऐसी पौराणिक कहानियां भी हैं जब मृत हो चुके लोग वापस जिंदा हो गए हैं। हाल में राजस्थान के झुंझुनू जिले में एक ऐसी घटना घटी जिसके बाद एक बार फिर से मृत्यु के रहस्य पर चर्चा होने लगी। राजस्थान के झुंझुनू जिले में रहने वाले 47 साल के रोहिताश नाम के व्यक्ति की मौत हो गई। रोहिताश नाम का व्यक्ति बोलने और सुनने में असमर्थ बताया जाता है। वह मां सेवा संस्थान में रहता था जहां अचानक उसकी तबीयत खराब होने लगी। खराब हालत के कारण रोहिताश को अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन इलाज के बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और दोपहर करीब 1 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रोहिताश की मौत की पुष्टि होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचित किया और शव को मुर्दाघर भेज दिया गया। लगभग दो घंटे तक रोहिताश का शव मुर्दाघर के डीप फ्रिज में रखा रहा। इसके बाद पुलिस ने आकर पंचनामा भरा और अन्य कानूनी कार्रवाई पूरी की। शाम करीब 4 बजे रोहिताश का शव मां सेवा संस्थान के लोगों को सौंप दिया गया। संस्थान के लोग एम्बुलेंस से रोहिताश के शव को लेकर झुंझुनूं के पंच देव मंदिर के पास स्थित श्मशान घाट पहुंचे। शाम करीब 5 बजे जब रोहिताश के शव को चिता पर रखा गया तो अचानक उसकी सांस चलने लगी और उसके शरीर में हरकत दिखाई दी। यह देखकर वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए। इसके बाद रोहिताश को फिर से अस्पताल भेज दिया गया। मृत्यु के रहस्य को इस जीवन में आज तक कोई भी समझ नहीं पाया है। इसी तर्ज पर कुछ ऐसी रहस्यमय घटनाएं दुनिया भर में घटती रही हैं, जब मृत हो चुके लोग वापस जीवित हो गए। सबसे चौंकाने की बात यह है कि इनमें से ज्यादातर लोग फिर से जिंदा होने के बाद मौत के बाद के अनुभव भी बताते हैं। इन अनुभवों में एक ऐसी दुनिया का जिक्र किया जाता है जो इस दुनिया से बिल्कुल अलग है। कई लोग एक रोशनी से भरी जगह की बात करते हैं, तो कुछ लोग दिव्य लोगों के बारे में बताते हैं। इस घटनाओं के बारे को लेकर आज भी लोगों के बीच मृत्यु का रहस्य बना हुआ है। कई पौराणिक कहानियों में मृत होकर वापस जीवित हुए मनुष्यों की कथाएं मिलती हैं। जैसे गोस्वामी तुलसीदास प्रभु श्रीराम के परम भक्त थे। एक बार तुलसीदास राम नाम जपते हुए मार्ग से निकल रहे थे। उसी मार्ग में एक शव यात्रा निकल रही थी। लोग जैसे ही शव को लेकर तुलसीदास के पास से गुजरे राम का नाम सुनकर मृत हो चुका व्यक्ति उठ बैठा और राम नाम जपने लगा। इसे राम नाम का चमत्कार माना गया। गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद के संसार यानी यमलोक के बारे में विस्तार से लिखा गया है। गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा के बारे में बताया गया है। इसके अनुसार इस धरती पर हर मनुष्य की आयु निर्धारित की गई है। मृत्यु के बाद आत्मा अपने शरीर का त्याग करके यमलोक जाती है। यमलोक में आत्मा को 24 घंटे के लिए रखा जाता है और वहां आत्मा के जीवनकाल में किए गए कर्मों का लेखा-जोखा दिखाया जाता है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि मृत्यु के बाद कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में आत्मा को फिर से उसके शरीर में वापस भेज दिया जाता है। कई बार मनुष्य के कुछ काम अधूरे रह जाते हैं इसलिए भी उसे पूरा करने के लिए आत्मा को उसका शरीर वापस लौटा दिया जाता है। मृत्युलोक यानी धरती और यमलोक में समय अलग-अलग गति से चलता है इसलिए यमलोक के 24 घंटे धरती के समय से अलग है।

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