धर्मक्षेत्र
महाकुंभ : सेक्टर-5 के कैंप में लगी आग, भीड़ के कारण पांटून पुल बंद, अब तक 41 करोड़ ने किया स्नान, राष्ट्रपति 10 को आयेंगी
सेक्टर-5 के कैंप में लगी आग, भीड़ के कारण पांटून पुल बंद, अब तक 41 करोड़ ने किया स्नान, राष्ट्रपति 10 को आयेंगी
सीएन, प्रयागराज। कुंभ में स्नान करने वालों की संख्या 41 करोड़ से ज्यादा हो गई है। महाकुंभ में सेक्टर 5 के एक शिविर में आग लग गई है। आग लगने की जानकारी मिलते ही दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और आग बुझाने के काम में जुट गई हैं। आग कैसे लगी अभी इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। आग में किसी प्रकार की जनहानि की अभी तक सूचना नहीं है। अब तक कुंभ क्षेत्र में आग लगने की ये तीसरी घटना बताई जा रही हैं फायर बिग्रेड की टीम लगातार आग बुझाने में जुटी हुई है। फिलहाल किसी भी जान. माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। अब तक घटना की वजह सामने नहीं आई है। मौके पर दमकल कर्मी और मेला प्रशासन मौजूद है और आग पर काबू भी पा लिया गया है। महाकुंभ में संगम पर आज भी लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं। वीआईपी मूवमेंट अधिक होने और श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मेला प्रशासन ने अधिकांश पांटून पुलों को बंद कर दिया है। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। श्रद्धालुओं की पुलिस से कई बार झड़प भी हुईण् शहर के सभी प्रमुख 7 मार्गें पर गाड़ियों का रेला देखने को मिल रहा है। जाम लगा हुआ है। प्रशासनिक व्यवस्था फेल नजर आ रही है। इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वीआईपी आवागमन होने के कारण पुलों को बंद कर दिया गया है। लोगों को एक से दूसरे पुल पर भेजा जा रहा है, लेकिन जब श्रद्धालु दूसरे पुल पर पहुंच रहे हैं तो वहां पर भी पुल बंद मिल रहा है। इस तरह लोग एक दूसरे पुल के चक्कर काट रहे हैं। पुलों के दोनों तरफ लोगों की भारी भीड़ है। महाकुंभ 2025 में अब तक करीब 41 करोड़ बता दें कि 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के स्नान से महाकुंभ का आगाज हुआ था। आज 27वां दिन है। माना जा रहा है कि आज शाम तक श्रद्धालुओं के स्नान का आंकड़ा 41 करोड़ को पार कर जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 10 फरवरी को प्रयागराज महाकुंभ आएंगी। वह करीब पांच घंटे यहां रहेंगी और त्रिवेणी संगम में स्नान भी करेंगी। इस दौरान वह अक्षयवट, बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन पूजन भी करेंगी। राष्ट्रपति कार्यालय से अनुमति के बाद मेला और पुलिस प्रशासन की बैठक हुई। इसमें राष्ट्रपति के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया।
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