धर्मक्षेत्र
रमजान : सुन्नत माना जाता है खजूर खाना : खजूर से ही रोजा इफ्तार करते थे मोहम्मद पैगंबर साहब
रमजान : सुन्नत माना जाता है खजूर खाना : खजूर से ही रोजा इफ्तार करते थे मोहम्मद पैगंबर साहब
सीएन, नैनीताल। इस्लाम धर्म में रमजान का महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस महीने में रोजे रखे जाते हैं और खुदा की इबादत की जाती है। भारत में 2 मार्च से रमजान का पवित्र महीना शुरू हो गया है। इस्लाम धर्म में रमजान के महीने को बहुत खास माना जाता है। रमजान के पूरे महीने में मुस्लिम धर्म के लोग खुदा की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान साल का नौवां महीना होता है। रमजान के पूरे महीने में लोग हर दिन रोजा रखते हैं और इस्लामी कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल का चांद दिखाई देने पर शव्वाल की पहली तारीख को खुदा का शुक्रिया अदा करते हुए ईद-उल-फितर का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं। रमजान के इस पवित्र महीने में अच्छे कार्य करने से 70 गुना अधिक सवाब मिलता है। रमजान महीने में कुछ लोग सेवइयां बनाकर खाते हैं तो कुछ खजला का भी इस्तेमाल करते हैं लेकिन इसका शरीयत से कोई वास्ता नहीं है। मुस्लिम धर्मगुरु बताते हैं कि रोजा इफ्तार के समय खजूर का इस्तेमाल जरूर करें क्योंकि मोहम्मद पैगंबर साहब भी खजूर से ही रोजा इफ्तार करते थे, इसलिए खजूर से रोजा इफ्तार करना सुन्नत माना जाता है।
सुन्नत माना जाता है खजूर खाना
रमजान मुसलमानों के लिए बहुत ही पवित्र महीना है। इसका जिक्र कुरान और हदीस में बताया गया है। रमजान इसलिए भी बहुत पवित्र महीना है क्योंकि इस महीने में जो भी नेक काम होता है उसका सवाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है। रमजान महीने में हर दिन रोजे रखे जाते हैं और यह हर बालिग मुसलमान पर फर्ज होते हैं। रोजा छोड़ने वाला गुनहगार होता है। रमजान महीने में खाने को तो कुछ भी खा सकते हैं लेकिन हमें उन चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए जो हमारी सेहत को नुकसान न पहुंचाए।
डायटीशियन के मुताबिक खजूर खाने से लाभ
खजूर पोषक तत्वों से भरपूर एक सुपरफूड है जिसमें प्राकृतिक शुगर, विटामिन, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम और फास्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं। इससे शरीर को इंस्टेंट एनर्जी मिलती है। इसे सर्दी, गर्मी या बरसात किसी भी मौसम में खाया जा सकता है। डायटीशियन के अनुसार खजूर को सुबह खाली पेट खाना सबसे फायदेमंद होता है, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है और यह वात-पित्त को संतुलित करता है। हालांकि अधिक मात्रा में खजूर खाने से ब्लड शुगर बढ़ सकता है, स्किन पर रैशेज, वजन बढ़ना, हाइपरकैलीमिया और अस्थमा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा अत्यधिक सेवन से पेट में मरोड़ और डायरिया जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं इसलिए संतुलित मात्रा में ही खजूर का सेवन करना चाहिए।
तरावीह पढ़ना क्यों जरूरी
रमजान मुसलमानों के लिए बहुत ही पवित्र महीना है। इसकी फजीलत कुरान और हदीस में बताई गई है। रमजान इसलिए भी बहुत पवित्र महीना है क्योंकि इस महीने में जो भी नेक काम होता है उसका सवाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है। रमजान महीने में हर दिन रोजे रखे जाते हैं और यह हर बालिग मुसलमान पर फर्ज होते हैं।नमाज की बात करें तो रमजान में भी उतनी ही नमाज पढ़ी जाती है जितनी बिना रोजों के प्रतिदिन पढ़ी जाती है। नमाज हर मुसलमान पर फर्ज है और अगर कोई नमाज को छोड़ता है तो वह गुनहगार होता है।





















































