धर्मक्षेत्र
आज 29 जुलाई को है सावन का दूसरा सोमवार : प्रदोष काल में शिवलिंग पर बेलपत्र और जल चढ़ाएं
आज 29 जुलाई को है सावन का दूसरा सोमवार : प्रदोष काल में शिवलिंग पर बेलपत्र और जल चढ़ाएं
सीएन, हरिद्वार। सावन महीने की शुरुआत हो गई है। सावन के सोमवार का भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है। सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। इस महीने के सभी सोमवार विशेष महत्व रखते हैं। सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की उपासना से जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति तो होती ही है। सावन महीने के पहले सोमवार से 16 सोमवार व्रत भी शुरू किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रताप से वैवाहिक जीवन में सुख, अच्छा जीवनसाथी पाने की इच्छा और आर्थिक लाभ मिलता है। सावन का दूसरा सोमवार आज 29 जुलाई 2024 को है। इस दिन प्रदोष काल में शिवलिंग पर बेलपत्र और जल चढ़ाएं साथ ही घी का दीपक जलाकर महादेव के ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। सावन सोमवार का व्रत समस्त सुख को प्रदान करता है। सावन के दूसरे सोमवार का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04.17 .सुबह से 04.59 तक है। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.00 दोपहर 12.55 तक है। अमृत काल सुबह 06.17 सुबह 07.50 तक है। शिवलिंग को गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से अभिषेक करें।
नारद पुराण में सावन के व्रतों का वर्णन
नारद पुराण में कहा गया है, सोमवार वाले श्रावण शुक्ल प्रतिपदा या श्रावण के प्रथम सोमवार से लेकर साढ़े तीन मास तक सावन सोमवार का व्रत किया जाता है। इस माह में प्रतिदिन सोमेश्वर भगवान शिव की बेलपत्र से पूजा की जाती है। श्रावण मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को जब थोड़ा दिन शेष रहे तो कच्चा अन्न जितना दान देना हो, अलग-अलग पात्रों में रखकर जल भर दे। इसके बाद जल निकाल दे। फिर दूसरे दिन सुबह सूर्योदय होने पर विधिवत स्नान करके देवताओं, ऋषियों तथा पितरों का पूजन करें, उनके आगे नैवेद्य रखें और पहले दिन का धोए हुए अन्न को दान करें। फिर प्रदोष काल में शिव मंदिर जाकर शिवलिंग स्वरूप भगवान शिव की गंध, पुष्प आदि सामग्रियों से पूजा करें और हजार या सौ बार पंचाक्षरी विद्या ऊं नमः शिवाय का जप करें। इसके बाद अपने घर आकर ब्राह्मण को भोजन कराएं और स्वयं भी मौन भाव से भोजन करें। यह अन्न व्रत है, मनुष्यों द्वारा विधिपूर्वक इसका पालन होने पर यह सम्पूर्ण अन्न सम्पत्तियों का उत्पादक और परलोक में सद्गति देने वाला होता है।
सावन महीने की यात्रा और भक्ति
इस महीने में शिव भक्तों का एक और महत्वपूर्ण आयोजन होता है जिसे हम कांवड़ यात्रा के नाम से जानते हैं। इस यात्रा में भक्तजन गंगा जल से भरे हुए कांवड़ को अपने कंधों पर रखकर पैदल यात्रा करते हैं और शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। यह यात्रा उत्तराखंड के हरिद्वार, गंगोत्री और शिव नगरी क्षेत्र में अधिक लोकप्रिय है, जहां लाखों शिवभक्त इसमें भाग लेते हैं। श्रावण मास 2024 का आयोजन और शिव पूजा मनाने का महत्व हिन्दू धर्म में गहरी प्रासंगिकता रखता है। यह महीना भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने, मानसिक और आध्यात्मिक शांति पाने और जीवन की समस्याओं का निवारण करने का उत्तम समय है। इस सावन सोमवार, भगवान शिव की पूजा.अर्चना कर उनकी कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन को सुख.समृद्धि से परिपूर्ण करें।