धर्मक्षेत्र
मंदिर से चप्पल चोरी होने का क्या मतलब है, ज्योतिष शास्त्र में बहुत कुछ विशेष
मंदिर से चप्पल चोरी होने का क्या मतलब है, ज्योतिष शास्त्र में बहुत कुछ विशेष
सीएन, हरिद्वार। अक्सर आपने मंदिर से चप्पल चोरी होने के बारे में देखा या सुना होगा। यूं तो यह एक सामान्य घटना है और कानूनी रूप से देखा जाए तो छोटा ही सही लेकिन अपराध है। मगर ज्योतिष शास्त्र में इसके बारे में बहुत कुछ विशेष बताया गया है। असल में चप्पल अगर मंदिर से चोरी हो जाए तो इसके पीछे कई संकेत छिपे हुए हैं जो शुभ या अशुभ किसी भी रूप में हो सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि चप्पल.जूतों का संबंध शनि ग्रह से होता है। जहां एक और नई चप्पल या नए जूते घर लाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो वहीं, दूसरी ओर अगर मंदिर में चप्पल चोरी जाए तो इसका अर्थ है कि आप पर जो शनि क्रोधित थे वह अब शांत हो गए हैं और जिसने चप्पल चुराई है उस पर शनि का क्रोध बरसेगा। सरल शब्दों में कहें तो मंदिर से किसी व्यक्ति की चप्पल चोरी होना यानी कि शनि ग्रह के क्रोध या उनकी खराब स्थिति के कारण उस व्यक्ति के जीवन में जन्म लेने वाली परेशानियां चप्पल-जूते चोरी करने वाले व्यक्ति के हिस्से में चले जाना है। यानी कि जिसकी चप्पल चोरी है उसके लिए यह घटना बहुत शुभ और लाभदायक सिद्ध होती है। मंदिर से चप्पल चोरी होने का एक अर्थ यह भी कि अगर आपकी पुरानी चप्पल चोरी हुई है तो आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आने वाले हैं लेकिन अगर नई चप्पल चोरी हुई है तो जीवन में किसी समस्या के जन्म लेने की ओर यह एक संकेत हो सकता है। ऐसे में कोशिश करें कि एक नई चप्पल खरीदकर किसी को दान कर दें। ऐसा करने से जीवन में जो भी संकट आपके आने वाला है वह दूर हो जाएगा और शनिदेव भी प्रसन्न होकर आप पर कृपा बरसाएंगे। एक बात और ध्यान रखिये नई हो या पुरानी अगर मंदिर से चप्पल चोरी हो जाए तो अपने घर नंगे पैर ही जाएं इससे आपके घर में शुभता का आगमन होगा और तरक्की के मार्ग भी खुलने लगेंगे।