आपदा
वायनाड भूस्खलन में अब तक 308 मौतें, तबाह हुए गांवों और जंगलों में लाशों का मिलना जारी
वायनाड भूस्खलन में अब तक 308 मौतें, तबाह हुए गांवों और जंगलों में लाशों का मिलना जारी
सीएन, मेप्पाडी। वायनाड में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन के बाद मरने वालों का संख्या 308 के पार हो चुकी है। वहीं 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी भारतीय सेना ने करीब एक हजार लोगों को बचाया है। खबर है कि 200 लोग अभी भी लापता हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज कहा कि बचाव अभियान के लिए कम से कम 1,500 सेना कर्मियों को तैनात किया गया है। फॉरेंसिक सर्जन भी तैनात हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सेना ने मानवीय सहायता और आपदा राहत के साथ कॉर्डिनेशन के लिए कोझिकोड में एक कमांड और कंट्रोल सेंटर सेट अप किया गया हैै। खबर है कि सेना ने वायनाड में बेली ब्रिज का निर्माण भी पूरा कर लिया है। पुल के जरिए भूस्खलन वाली जगह पर अर्थ मूवर्स समेत भारी वाहनों पहुंच सकेंगे।स्वास्थ्य मंत्री कहा कि हजारों लोग राहत शिविरों में हैं और मेंटल ट्रॉमा में हैं, बोलीं मैंने अस्पतालों और शिविरों का दौरा किया। हमारी प्राथमिकता उन्हें मनोवैज्ञानिक सहायता देना और संक्रामक रोगों को कंट्रोल करने पर फोकस करना है। रिपोर्ट के मुताबिक कई सेलेब्स और राजनेताओं ने वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के लिए बनाए रिलीफ फंड में योगदान दिया है। मलयालम एक्टर फहद फासिलए उनकी पत्नी और एक्ट्रेस नाजरिया नाजिम और उनकी प्रोडक्शन कंपनी ने केरल के मुख्यमंत्री राहत कोष में 25 लाख रुपये डोनेट किए। मलयालम सुपरस्टार ममूटी ने केरल के मंत्री पी राजीव को 20 लाख रुपये का चेक सौंपा है। इस बीच वेल्लारमाला के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा की कहानी की स्कूल पत्रिका में लिखी कहानी की चर्चा हो रही है। बच्ची ने पिछले साल एक लड़की की कहानी लिखी थी जो झरने में डूब जाती है और फिर एक चिड़िया बनकर वापस आती है। वो अपने गांव के लोगों को पानी के पास जाने के खतरे को लेकर चेतावनी देती है। कहती है, कहानी में बच्चे भाग जाते हैं लेकिन जब वो पीछे मुड़ते हैं तो देखते हैं कि पहाड़ी से बारिश का पानी बहता हुआ दिख रहा है। फिर वो चिड़िया एक लड़की में बदल जाती है जो उन लोगों को चेतावनी देने के लिए वापस आई है। रिपोर्ट के मुताबिक वेल्लारमाला का ये स्कूल अब बुरी तरह डैमेज हो गया है। पास में बहने वाली नदी स्कूल के ग्राउंड और क्लासों तक पहुंच गई है। बता दें वायनाड में 30 जुलाई को भारी बारिश के बाद एक के बाद तीन भूस्खलन हुए थे। भूस्खलन की वजह जिले के मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। भारतीय मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में वायनाड और कई अन्य जिलों में और बारिश की भविष्यवाणी की है। अमेरिका, रूस, चीन और ईरान समेत कई देशों ने वायनाड में भूस्खलन से हुई मौतों पर शोक जताया है।