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विमान हादसा : कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर मिला, दुर्घटना कारणों का लगेगा पता,  विशेषज्ञों ने विमान दुर्घटना के तीन संभावित कारण बताए

विमान हादसा: कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर मिला, दुर्घटना कारणों का लगेगा पता,  विशेषज्ञों ने विमान दुर्घटना के तीन संभावित कारण बताए
सीएन, अहमदाबाद।
गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को एअर इंडिया की उड़ान एआई.171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने पुष्टि की कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर बरामद कर लिया गया है, जिससे इस हादसे के पीछे संभावित कारण की पहचान करने में मदद मिलेगी। इस हादसे में विमान में सवार 241 लोगों सहित कुल 270 लोग मारे गए थे। इधर विशेषज्ञों ने विमान दुर्घटना के तीन संभावित कारणों की पहचान की है। इनमें पहला इलेक्ट्रिकल फेल्योर, दूसरा दोनों इंजनों का फेल होना और तीसरा हाइड्रोलिक फेल्योर शामिल है। इस घटना के एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति विश्वास के बयान का भी उल्लेख किया गया है, जो इस मामले में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। इससे पहले, विमान के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर यानी एफडीआर मिलने की सूचना मिली थी। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा को ब्लैक बॉक्स मिलने की पुष्टि की। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि मिश्रा ने यहां एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और केंद्र एवं राज्य सरकारों, वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो एएआईबी और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राहत, बचाव और जांच प्रयासों पर चर्चा की।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि एएआईबी ने विस्तृत जांच शुरू कर दी है, और अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत समानांतर जांच कर रहा है, क्योंकि विमान अमेरिका में निर्मित था। इसमें कहा गया, अधिकारियों ने डॉ. मिश्रा को बताया कि फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का पता लगा लिया गया है और उन्हें सुरक्षित कर लिया गया है। अनुभवी पायलट कैप्टन स्टीव हैं, जिन्होंने बोइंग 777 जैसे बड़े विमानों को उड़ाया है। उन्होंने विमान दुर्घटना के तीन संभावित कारणों की पहचान की है। इनमें पहला इलेक्ट्रिकल फेल्योर, दूसरा दोनों इंजनों का फेल होना, और तीसरा हाइड्रोलिक फेल्योर शामिल है। इस घटना के एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति विश्वास के बयान का भी उल्लेख किया गया है, जो इस मामले में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। कैप्टन स्टीव ने बताया कि दोनों इंजन के एक साथ फेल होने की संभावना है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह हादसा लिफ्ट लॉस के कारण हो सकता है, यानी जहाज के पंखों को पर्याप्त हवा नहीं मिल पाई। उनके अनुसार, विमान में इतनी ताकत नहीं थी कि वह ऊँचाई बनाए रख सके। यदि यह सच है, तो संभवतः विमान किसी बड़े पक्षियों के झुंड से टकराया होगा, जिसके परिणामस्वरूप दोनों इंजन खराब हो गए। एक और संभावित कारण यह हो सकता है कि विमान के टेक ऑफ से पहले कुछ विशेष तकनीकी सेटिंग्स की आवश्यकता होती है, जिनमें प्रमुख रूप से फेल्प्स को नीचे करना शामिल है। फेल्प्स विमान के पंखों के वे हिस्से होते हैं जो टेकऑफ के समय लिफ्ट को बढ़ाते हैं। कैप्टन स्टीव के अनुसार, यदि पायलट फेल्प्स को सेट करना भूल जाते हैं, तो विमान हवा में स्थिर नहीं रह पाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि ऐसा होने की संभावना कम है, क्योंकि आधुनिक विमानों जैसे 787 में यदि फेल्प्स सही तरीके से सेट नहीं होते, तो कॉकपिट में तेज अलार्म बजने लगता है और स्क्रीन पर चेतावनी दिखाई देती है। तीसरी संभावना यह हो सकती है कि पायलट ने गलती से गलत लीवर खींच लिया हो। स्टीव के अनुसार, जब विमान टेक ऑफ करता है, तो को.पायलट यह बताता है कि विमान हवा में है, जिसके बाद पायलट गियर उठाने का आदेश देता है। संभव है कि को.पायलट ने गियर के बजाय फेल्प्स का हैंडल खींच लिया हो, जिससे विमान के उन हिस्सों को हटा दिया गया जो उसे हवा में स्थिर रखने में मदद करते हैं। अंततः विशेषज्ञ इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि दोनों इंजनों के फेल होने के कारण यह दुर्घटना हुई होगी, जबकि भारत में इस मामले की जांच अभी भी जारी है। अगर उस समय पायलट को यह जल्दी समझ में आ जाता कि गलती से फेल्प्स ऊपर हो गए हैं, तो संभवतः वह उन्हें फिर से नीचे करके और गियर को अंदर खींचकर संतुलन बना सकते थे। लेकिन ऐसे संकटपूर्ण क्षणों में निर्णय लेने के लिए केवल कुछ सेकंड का समय मिलता है और उस समय कॉकपिट में भ्रम, घबराहट और तेज अलार्म के कारण स्थिति और भी जटिल हो जाती है। असली कारण का पता ब्लैक बॉक्स की रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा।

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