आपदा
वरुणावत पर्वत भूस्खलन से भीषण तबाही, दबे वाहन, हाईवे हुआ बंद
वरुणावत पर्वत भूस्खलन से भीषण तबाही, दबे वाहन, हाईवे हुआ बंद
सीएन, उत्तरकाशी। उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में मूसलाधार बारिश कहर बनकर टूट रही है जिसके चलते कई इलाकों में भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इसके साथ ही लगातार पहाड़ियों से बोल्डर गिरने का खतरा भी लोगों के ऊपर मंडरा रहा है। ऐसी ही कुछ खबर उत्तरकाशी जिले से सामने आ रही है जहां पर मूसलाधार बारिश के कारण वरुणावत पर्वत से एक बार फिर से भूस्खलन शुरू हो गया है इतना ही नहीं बल्कि यहां पर पत्थर और बोल्डर भी गिरने लगे हैं। आपको बता दें कि इस घटना ने वर्ष 2003 में हुए भूस्खलन की कड़वी यादें ताजा कर दीं। उस दौरान भी उत्तरकाशी शहर का भूगोल बदलकर रख देने वाले वरुणावत पर्वत से भारी भूस्खलन हुआ था। जिस कारण हजारों लोगों को दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया गया था। उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने करीब 250 करोड़ से अधिक का बजट सुरक्षा कार्यों के लिए दिया था। लेकिन 21 वर्ष बाद बीती रात हुई इस घटना ने न केवल एक बार फिर तबाही मचाई है बल्कि 2003 के बाद किए गए सुरक्षात्मक कार्यों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार बीते मंगलवार देर रात हुई मूसलाधार बारिश उत्तरकाशी जिले के लिए आफत भरी साबित हुई है। दरअसल मूसलाधार बारिश के चलते वरुणावत पर्वत से रुक रुककर बोल्डर गिरने का सिलसिला जारी रहा। जिससे घबरा कर गोफियारा क्षेत्र के लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और काफी देर तक पत्थर गिरना बंद होने का इंतजार करते हुए दिखाई दिए। तभी डीएम डॉक्टर मेहरबान सिंह ने भूस्खलन से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए और साथ ही लोगों को अलर्ट रहने की हिदायत दी। इतना ही नहीं बल्कि गाड़ गदेरे भी मूसलाधार बारिश के कारण उफान पर आए है। इसके अलावा गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग और भटवाड़ी सड़क पर खड़े वाहन भी मलबे में दब गए जिन्हें लोगों ने जेसीबी बुलाकर निकाला। वहींए भारी बारिश से पाडुली गदेरे, ज्ञानसू और मैणा गाड़ भी उफान पर है, जिसके चलते इनमें जमा कचरा सड़क फैल गया तथा बस अड्डे से लेकर ज्ञानसू तक जगह.जगह गंगोत्री हाईवे पर पानी भर गया। रात में बारिश कम होने के कारण लोगों ने राहत की सांस ली। दरअसल जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीआरएफ व प्रशासन की टीम गौफियारा क्षेत्र में डटी रही। गौफियारा जल संस्थान के ऊपर पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण जिलाधिकारी ने भूस्खलन प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने एवं अन्य व्यवस्थाएं करने हेतु संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं।