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शक्तिशाली भूकंप से भीषण तबाही, अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत, इमारतों को पहुंचा नुकसान

शक्तिशाली भूकंप से भीषण तबाही, अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत, इमारतों को पहुंचा नुकसान
सीएन, नईदिल्ली।
तिब्बत में शक्तिशाली भूकंप से भीषण तबाही मची है। अब तक 100 समय अधिक लोगों की मौत की खबर है। वहीं भूकंप से कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है। बताया जा रहा है कि तिब्बत में सुबह एक घंटे के भीतर 6 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक कई इमारतों समेत इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर भूकंप से नुकसान पहुंचा है। झटके नेपाल, भारत, बांग्लादेश और भूटान के कई हिस्सों में महसूस किए गए। सिक्किम समेत पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों बिहार और पश्चिम बंगाल समेत उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। वहीं नेपाल की राजधानी काठमांडू में भूकंप के तेज झटके महसूस। लोग अपने घरों से घबरा कर बाहर निकल गए। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार भूकंप नेपाल.तिब्बत सीमा के पास लोबुचे से 93 किलोमीटर उत्तर.पूर्व में आया। खुंबू ग्लेशियर के पास स्थित लोबुचे, काठमांडू से लगभग 150 किलोमीटर पूर्व में और एवरेस्ट बेस कैंप से 8.5 किलोमीटर दक्षिण.पश्चिम में स्थित है। भूकंपीय गतिविधि ने इस क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है। नेपाल और भारत के प्रभावित हिस्सों में अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। 21 दिसंबर 2024 को नेपाल में 4.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। यह क्षेत्र लगातार भूकंप के खतरे में रहता है क्योंकि यहां टेक्टोनिक प्लेट्स की गतिविधियां बहुत अधिक हैं। मालूम हो कि अप्रैल 2015 में नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमे लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी। करीब 22,000 लोग घायल हुए थे। 8 लाख से ज्यादा घर और स्कूल तबाह हो गए थे। बता दें कि पृथ्वी के अंदर 7 बड़ी टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं जो हमेशा घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो उनके कोने मुड़ जाते हैं। इस टकराव से दबाव बढ़ता है और जब प्लेट्स टूटती हैं तो धरती के अंदर से ऊर्जा बाहर निकलती है। यह ऊर्जा धरती को हिला देती है जिससे भूकंप आता है।

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