आपदा
अतिवृष्टि के कारण जहां-जहां जलभराव हुआ है उनका सर्वे किए जाए : सीएम धामी
अतिवृष्टि के कारण जहां-जहां जलभराव हुआ है उनका सर्वे किए जाए : सीएम धामी
सीएन, हल्द्वानी। मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आपदा एवं पुनर्वास विभाग की समीक्षा बैठक की गई जिसमें संबंधित विभागीय सचिव, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, समस्त जनपदीय जिलाधिकारी और पुलिस विभाग के अधिकारीगण सहित आला अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि अतिवृष्टि के कारण जहां.जहां जलभराव हुआ है उन स्थानों का सर्वे किए जाए और उन कारणों का पता लगाया जाए जिनकी वजह से जलभराव हुआ। उन्होंने कहा हमको अपने विभाग से संबंधित सभी जिम्मेदारियां का निर्वहन पूर्ण मनोयोग करना चाहिए। बीते 7 और 8 जुलाई, 2024 को उधम सिंह नगर में अतिवृष्टि के कारण किच्छा, खटीमा, सितारगंज, नानकमत्ता में जो जलभराव हुआ उसके कारणों की जांच करने के लिए समिति बनाकर सर्वे करने के लिए जिलाधिकारी उधम सिंह नगर को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारी को रोड निर्माण के समय पानी की निकासी की उचित व्यवस्था कराने के लिए निर्देशित किया। इसके अतिरिक्त शहरों में ड्रेनेज सिस्टम बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा सभी जिलाधिकारी अच्छा कार्य कर रहे हैं। जिला प्रशासन के अधिकारियों के मौके पर पहुंचने से लोगों को लगता है कि शासन.प्रशासन परेशानी में हमारे साथ खड़ा है। अब मानक बहुत अच्छे आ गए हैं, पुनर्निर्माण के कार्यों को तीव्रता से किया जाए। जो लोग आपदा से प्रभावित हुए हैं, वह भी हमारे लोग हैं। जिनके पुनर्वास और राहत बचाव कार्यों व आर्थिक राहत सहायता में धन की परवाह न करते हुए समुचित कार्य किए जाएं। उत्तराखंड में अतिवृष्टि, भूस्खलन, बाढ़ आदि अनेक प्रकार की आपदाओं के कारण जान.माल की हानि के साथ ही धन संपदा की भी हानि हुई है परंतु इसके विपरीत आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित व सकुशल बाहर निकालने के लिए यथासंभव प्रयास सरकार व शासन.प्रशासन द्वारा किया गया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बरसात के बाद फैलने वाले रोगों डेंगू, मलेरिया, हैजा अन्य मानव और पशु जनित संक्रामक रोग को नियंत्रित करने के लिए हम सब को सजग रहना होगा और इस बचाने के लिए हर संबंध प्रयास करने होंगे। जीवन में चुनौतियां आती रहती हैं हमें उनसे बच निकलने का हुनर आना चाहिए।