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माणा एवलांच में मरने वालों की संख्या अब आठ पहुंची, रेस्क्यू अभियान खत्म, मृतकों में उत्तराखंड के दो मजदूर

सीएन, चमोली। जनपद चमोली के माणा एवलांच में मरने वालों की संख्या अब आठ पहुंच गई है। सेना सहित विभिन्न एजेंसियों की ओर से चलाए गए रेस्क्यू के दौरान लापता चल रहे शेष चारों श्रमिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं। मृतकों में दो लोग उत्तराखंड के निवासी थे। एवलांच में मरने वालों की संख्या अब आठ पहुंच गई है। इसके साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन भी पूरा हो गया है। चमोली जिले में माणा के पास शुक्रवार को नर पर्वत से एवलांच आ गया था। बीआरओ कैंप के पास निर्माण कार्य में जुटे विभिन्न राज्यों के 54 श्रमिक हिमस्खलन की चपेट में आने से बर्फ में दब गए थे। सूचना मिलते ही सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित अन्य एजेंसियों ने रेस्क्यू शुरू कर दिया था। सेना सहित अन्य एजेंसियों ने रेस्क्यू के दौरान पहले ही दिन 32 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया था। शनिवार को भी 14 श्रमिक सकुशल बाहर निकाल लिए गए थे। साथ ही चार मजदूरों के शव भी बरामद हुए थे। उसके बाद भी चार और श्रमिक लापता चल रहे थे। जबकि पांचवां लापता श्रमिक हिमाचल में अपने घर पर मिला था।  रविवार को सेना ने आधुनिक उपकरणों की मदद से तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इस दौरान पहले तीन और बाद में एक और शव बरामद कर लिया गया। मरने वालों की पहचान रुद्रपुर निवासी अनिल कुमार (21) पुत्र ईश्वरी दत्त, यूपी के गंगहोल,  बेनाऊ, फतेपुर निवासी अशोक (28) पुत्र रामपाल और हिमाचल के ऊना निवासी हरमेश (30) पुत्र ज्ञान ठाकुर और देहरादून के गोकुल धाम, भगत निवास, न्यू कॉलोनी, क्लेमन टाउन निवासी अरविंद (43)पुत्र देवेंद्र कुमार के रूप में हुई। उनकी मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। एम्स ऋषिकेश के पीआरओ संदीप सिंह के मुताबिक हिमस्खलन में घायल हुए पांच लोगों को यहां लाया जाना था, लेकिन बाद में हमें पता चला कि चार लोगों को यहां लाया जाएगा। अशोक कुमार को यहां लाया गया है और उन्हें रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है। उनकी जांच की जा रही है। उनकी रीढ़ की सर्जरी की जाएगी। उनके पैर अभी काम नहीं कर रहे हैं। चमोली एवलांच के बाद आज रेस्क्यू संपन्न हो गया है। इस एवलांच में सेना, एनडीआरफ सहित अन्य एजेंसियों ने बर्फ में दबे 54 में से 46 श्रमिकों को कड़ी मशक्कत के बाद बचा लिया। सेना ने पहले दिन ही 32 श्रमिकों को बचा लिया था। दूसरी दिन 14 श्रमिक बर्फ के नीचे से निकाले गए। तीन दिन तक चले इस ऑपरेशन में सेना और अन्य एजेंसियों के जवानों ने विपरीत मौसम में जो जज्बा दिखाया उसे हर कोई सलाम कर रहा है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद इस रेस्क्यू ऑपरेशन की नियमित मॉनिटरिंग कर रहे थे।

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