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उत्तराखंड : शनिवार तड़के महसूस हुए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 4.8 रही तीव्रता, मची अफरातफरी

उत्तराखंड : शनिवार तड़के महसूस हुए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 4.8 रही तीव्रता, मची अफरातफरी
सीएन, पिथौरागढ़।
उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में शनिवार तड़के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। सुबह करीब 4 बजे आया भूकंप का झटका इतनी तीव्रता से था कि लोग ठंड के बावजूद अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ पड़े। लगभग 15 सेकंड के बाद जब भूकंप शांत हुआए तब लोगों ने राहत की सांस ली। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महर ने बताया कि भूकंप का केंद्र नेपाल था और इसकी तीव्रता 4.8 रिक्टर स्केल मापी गई। हालांकि, जिले में किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि चंपावत और आसपास के अन्य जिलों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। एनसीएस के डाटा के मुताबिक भूकंप 10 मीटर की उथली गहराई पर आया। इसका केंद्र अक्षांश 29.17 और देशांतर 81.59 पर स्थित था। फिलहाल भूकंप से किसी भी तरह के नुकसान या हताहत को कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है हालांकि अधिकारियों की ओर से प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है। भूकंप से कितने लोग प्रभावित हुए हैं इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। नेपाल के अलावा भारत के उत्तराखंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह 4 बजे राज्य के पिथौरागढ़ जिले में 4.8 की तीव्रता वाला भूकंप का झटका महसूस किया गया। लोगों ने करीब 15 सेकेंड तक भूकंप के झटके महसूस किए। इस दौरान लोगों में अफरा तफरी मच गई और वे भरी ठंड में घर से बाहर निकल गए। पिथौरागढ़ के अलावा राज्य के बागेश्वर में भी भूकंप के झटके महसूस किए जाने की सूचना मिली है।
भूकंप आने पर क्या करें
घर में भूकंप के झटके महसूस होने पर किसी मजबूत टेबल के नीचे बैठ जाएं और अपने सिर पर हाथ रख लें। जो लोग हाई राइज बिल्डिंग में रहते हैं वे भूकंप के झटके महसूस होने तक अपने घर के अंदर ही रहें। झटके रुकने पर बिल्डिंग से नीचे उतरें।
क्यों आता है भूकंप
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार.बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

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