आपदा
उत्तरकाशी टनल हादसा: वीके सिंह करेंगे निरीक्षण, टनल में फंसे 40 मजदूरों को निकालने को रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
उत्तरकाशी टनल हादसा: वीके सिंह करेंगे निरीक्षण, टनल में फंसे 40 मजदूरों को निकालने को रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
सीएन, उत्तरकाशी। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में बीते रविवार तड़के हुए हादसे में तकरीबन 40 मजदूर फंसे हैं। मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि आज गुरुवार को मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह आज सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का निरीक्षण करेंगे। वह साइट के निरीक्षण के साथ ही वह समीक्षा भी करेंगे। सिलक्यारा टनल साइट पर नई जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन के इंस्टॉलेशन का काम पूरा हो गया है। जल्द ड्रिलिंग शुरू होने की उम्मीद है। राहत एवं बचाव मिशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल का कहना है कि अमेरिका में बनी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन पुरानी मशीन से काफी एडवांस है, जो काफी स्पीड में काम करेगी। राहत एवं बचाव ऑपरेशन में अब मिलिट्री ऑपरेशन की टीम भी शामिल हो गई है। इसके साथ वायुसेना, थल सेना भी बचाव अभियान में मदद कर रही है। सिलक्यारा टनल में भूस्खलन के बाद अब एनएचआईडीसीएल की ओर से अब वीडियो रिकॉडिंग करवाई जा रही है। जिसमें रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ सुरंग में पल.पल के हालत पर नजर रखी जा रही है। कंपनी से जुड़े एक कर्मी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस काम के लिए दो लोगों को जिम्मेदारी दी गई है। टनल में एक वीडीयो कैमरा चौबीसों घंटे पल-पल के हालत और रेस्क्यू ऑपरेशन पर भी नजर रखेगा। वहीं फोटो भी ली जाएंगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को उत्तरकाशी के सिलक्यारा में राष्ट्रीय राजमार्ग की टनल में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के अभियान जुटी केंद्रीय एजेंसियों को हर तरह से सहयोग देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर समन्वय से विषम हालात से निपटा जा सकता है। उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में रविवार को भूस्खलन के बाद फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए मंगलवार रात को रेस्क्यू आपरेशन के दौरान ऑगर मशीन में तकनीक खराबी आने के बाद बुधवार को नई दिल्ली से नई मशीन मंगवाई गई। वायुसेना के दो हरक्यूलिस विमानों से चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर मशीन के पार्ट्स की खेप पहुंची। वहीं देर रात मशीन के आखिरी व महत्वपूर्ण पार्ट को सिलक्यारा साइट पर पहुंचाया गया। जिसके बाद सुबह से मशीन के इंस्टालेशन व ट्रायल की तैयारियां जोरों पर हैं।