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चम्पावत के डाक बंगले का अनजाना रहस्य : रात के पहर में कार्बेट के कमरे से शोरगुल सुना

चम्पावत के डाक बंगले का अनजाना रहस्य: रात के पहर में कार्बेट के कमरे से शोरगुल सुना
सीएन, चम्पावत।
कार्बेट में इससे अधिक अपनी किताब में चम्पावत के डाक बंगले के रहस्य के विषय में कहीं और कुछ भी नहीं लिखा है लेकिन उसकी लिखी दोनों बातें इस ओर जरुर ईशारा करती हैं कि चम्पावत के डाक बंगले में कोई तो रहस्य था। कार्बेट के भतीजे ने मौरिस नेस्टर के अनुसार कार्बेट उस रात चम्पावत के डाक बंगले में अकेले नहीं थे उनके साथ बहादुर खान भी थे। चम्पावत के डाक बंगले में गुजारी पहली रात के समय बहादुर खान डाक बंगले के आगे तैनात थे। कार्बेट के अन्य साथी बंगले के पीछे लकड़ियों के भंडार घर में थे जबकि कार्बेट डाक बंगले के भीतर सोया था। बहादुर खान ने कार्बेट के परिवार के किसी सदस्य को बताया था कि डाक बंगले में सब कुछ सही नहीं था इसी वजह से तहसीलदार ने डाक बंगले में रुकने की बजाय आदमखोर बाघ के इलाके से अंधेरे में होकर निकलना चुना। बहादुर ने आगे बताया कि रात के पहर में उसने कार्बेट के कमरे से बहुत ज्यादा शोरगुल सुना। अचानक कार्बेट ने दरवाजा खोला और वह बाहर बरामदे की तरफ हांफता हुआ आया। जब बहादुर उसके पास पहुंचा तो उसने देखा कार्बेट ने कमीज नहीं पहनी है उसका शरीर पसीने से तर है और उसके बाल पसीने से ऐसे भीगे हैं माने किसी ने पानी से गिले किये हों कार्बेट लम्बी.लम्बी भारी साँसें ले रहा था। कार्बेट के इस तरह बाहर निकलने से और लोग भी जाग गये। बहादुर खान के अनुसार कार्बेट ने उनसे बस इतना कहा कि वह बाकी रात अंदर बिताने के बजाय उनके साथ बाहर बितायेगा। अगली रात कार्बेट डाक बंगले के भीतर नहीं सोया वह बरामदे में ही सोया। रातभर बुरी आत्माओं को भगाने के लिये आग जलाई गयी थी। यह चम्पावत के आदमखोर बाघ को मारने से पिछली रात की बात थी।        
बिहाइंड द जिम कॉर्बेट स्टोरी किताब के आधार पर

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