देहरादून
ईडी के लगाए गए आरोपों में से एक प्रतिशत भी सही पाया गया तो राजनीति छोड़ देंगे : हरक रावत
सीएन, देहरादून। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर सरकार के निर्देश पर अनुचित उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत ने कहा है कि अगर केंद्रीय एजेंसी द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों में से एक प्रतिशत भी सही पाया गया तो वह राजनीति छोड़ देंगे और सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेंगे। रावत ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। शुक्रवार को ईडी ने देहरादून के सहसपुर इलाके में एक जमीन के टुकड़े से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रावत, उनकी पत्नी और कुछ अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। संबंधित भूमि सौदे का विवरण साझा करते हुए, कांग्रेस नेता ने दावा किया कि विचाराधीन अधिकांश भूमि जमींदारी उन्मूलन अधिनियम के तहत सरकार में निहित थी और सुशीला रानी द्वारा 1949 में खरीदी गई कुल 3,785 बीघा जमीन में से केवल 20 हेक्टेयर जमीन ही उनके पास बची थी। अदालती आदेशों और अन्य विवरणों के बारे में, रावत ने दावा किया कि उन्होंने 8.2089 हेक्टेयर जमीन का टुकड़ा खरीदकर कुछ भी गलत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी जमीन खरीदता है तो वह आमतौर पर 12 साल के राजस्व रिकॉर्ड देखता है। रावत ने दावा किया कि ईडी अधिकारियों ने भी निजी तौर पर स्वीकार किया है कि उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। उन्होंने ईडी अधिकारियों को अदालत में आरोप साबित करने की चुनौती दी। कांग्रेस नेता ने आगे दावा किया कि पिछले कुछ वर्षों में ईडी ने सांसदों और अन्य सहित 198 नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं, लेकिन उनमें से केवल दो को ही दोषी ठहराने में सफलता मिली है। ईडी की सफलता दर 0.46 प्रतिशत से भी कम है, जो केंद्रीय एजेंसी की कार्यशैली को दर्शाता है। रावत मीडिया को संबोधित करते हुए भावुक भी हो गए और कहा कि पिछले एक साल से ईडी उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है।
