नैनीताल
उच्च शिक्षा मंत्री ने हाइड्रोपोनिक्स, बायोफ्लॉक तकनीक का लोकार्पण ऑनलाइन माध्यम से किया
सीएन, नैनीताल। कुमाऊं विश्वविधालय के डीएसबी परिसर में आज उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने रुसा परियोजना के अंतर्गत कौशल संवर्धन पाठ्यक्रम के अंतर्गत हाइड्रोपोनिक्स तकनीक तथा बायो फ्लॉक तकनीक का लोकार्पण ऑनलाइन माध्यम से किया । इस अवसर पर मंत्री जी डॉ रावत ने कहा कि मछली उत्पादन तथा हाइडोफोनिक खेती उत्तराखंड के लिए मील का पत्थर साबित होंगे तथा हमारे युवा बेहतर टेक्नोलॉजी के साथ कृषि उत्पादन में भी बेहतरी ला सकेंगे । कुलपति प्रो. दिवान सिंह रावत ने कहा कि रुसा तथा मेरु के अंतर्गत ये प्रयोगशाला स्थापित की गई है। कुलसचिव डॉ. मंगल सिंह मंद्रवाल ने सभी का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष वनस्पति प्रो. ललित तिवारी ने किया। प्रो. हरीश बिष्ट, प्रो. सुची बिष्ट, प्रो. सुषमा टम्टा ने भी विचार रखे। हाइड्रोपोनिक्स एक ऐसी तकनीक है जिसमें मिट्टी के बजाय पानी और पोषक तत्वों के घोल का उपयोग करके पौधे उगाए जाते हैं। इस प्रणाली में, पौधों की जड़ों को सीधे पोषक तत्वों से भरपूर पानी के संपर्क में रखा जाता है, जिससे उन्हें अपनी वृद्धि के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मिल जाते हैं। हाइड्रोपोनिक्स “मिट्टी के बिना खेती” है और इसे शहरी क्षेत्रों में या जहाँ खेती के लिए पर्याप्त भूमि नहीं है, वहाँ के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। इस तकनीक में कम पानी का उपयोग ,अधिक उपज कम
कीटनाशकों की आवश्यकता तथा सीमित स्थान के लिए उपयुक्त शहरी क्षेत्रों या सीमित भूमि वाले क्षेत्रों में ताजी सब्जियां उगाने के लिए यह एक बेहतरीन समाधान है। बायो फ्लॉक की उपयोगिता को बढ़ाने के लिए “माइक्रोबियल जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग करती है, जहां नाइट्रोजन घटकों जैसे विषाक्त पदार्थों का उपचार किया जाता है और मछली को पूरक आहार के रूप में उपयोग करने के लिए प्रोटीन जैसे उपयोगी उत्पाद में परिवर्तित किया जाता है तथा ये छोटे पौंड में की जा सकती है । बायो फ्लॉक में मछली का वजन 8 माह में ही एक किलो हो जाता है तथा स्नो ट्राउट जैसी मछली का भी परिसर में इस विधि से संरक्षण किया जा रहा है। बायो फ्लॉक आजीविका बढ़ाने की महत्पूर्ण प्रौद्योगिकी है। इस अवसर पर मंत्री डॉ. रावत ने वर्चुअल हाइड्रोपोनिक्स तथा बायो फ्लॉक तकनीक का लोकार्पण किया। दोनों तकनीक आत्मनिर्भर भारत के तरफ बढ़ते कदम है। कार्यक्रम में प्रो. नीता बोरा शर्मा, डॉ. एसएस बरगली, डॉ. किरण बरगली, डॉ. नीलू लोधीयाल, डॉ महेंद्र राणा, एई संजय पंत, विशाल बिष्ट , लता ,दीपशिखा ओली शामिल रहे ।





















































