नैनीताल
निजी एवं व्यवसायिक भवन 400 स्क्वायर मीटर क्षेत्रफल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य: डीएम
निजी एवं व्यवसायिक भवन 400 स्क्वायर मीटर क्षेत्रफल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य: डीएम
सीएन, हल्द्वानी। वर्षाकाल के पानी को बहने से रोककर भविष्य के उपयोग के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग नितांत आवश्यक है। इसके लिए जनपद के प्राधिकरण क्षेत्र के सभी निजी एवं व्यवसायिक भवन जो 400 स्क्वायर मीटर व उससे अधिक क्षेत्रफल मे बने हुए है उन्हें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से बनाना होगा। जिलाधिकारी ने जनपद के सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये है कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु अपने.अपने विकास खण्डों में एक गांव को मॉडल गांव बनाया जाए। जिसमें प्रत्येक घर में क्षमता के अनुसार छोटे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हो। जनपद के सरकारी कार्यालयों में भी रेन वॉटर हार्वेस्टिंग चरणबद्ध रूप से बनवाई जाए, हल्द्वानी स्थित सरकारी कार्यालयों के लिए प्रथम चरण में जिला योजना से बजट की व्यवस्था कर वर्षा जल संग्रहण हेतु रिचार्ज पिट बनाए जाएं । उन्होंने जल संस्थान को निर्देशित किया कि जो व्यावसायिक संस्थान अधिक जल उपयोग करते हैं और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं करते बनाया है तो उन्हें नोटिस दिए जाएं और अनुपालन न करने पर जल संयोजन विच्छेद किये जांए। उन्होंने कहा वर्तमान में भूजल का दोहन काफी मात्रा में करने से जलस्तर काफी कम हो रहा है इसलिए सभी नागरिकों को इस बारे में जागरूक होना होगा तथा सभी को अपने आवासीय भवनों के साथ ही व्यावसायिक भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना आवश्यक है। जिलाधिकारी वंदना सिंह ने शुक्रवार को कैंप कार्यालय हल्द्वानी में स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी से सम्बद्ध विभिन्न तकनीकी संस्थानों के साथ जिला कार्यकारी समिति की बैठक की। डीएम ने कहा कि सारा का एक उद्देश्य हैं कि निर्माणदायी संस्थाओं द्वारा क्षेत्र में योजनाओं का निर्माण किया जा रहा है, उन भौतिक संरचनाओं में जल संरक्षण के कार्य को प्राथमिकता से किया जाए। इससे सभी विभागों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति कार्य संस्कृति विकसित होगी और हम सतत विकास की दिशा में अग्रसर हो सके। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की योजनाओं को जनभागीदारी के बिना सफल बनाया जाना नामुमकिन है, इसलिए योजनाओं के क्रियान्वयन में जन भागीदारी आवश्यक रूप से सुनिश्चित की जाए। बैठक के दौरान उप निदेशक वाटरशेड डा एस के उपाध्याय ने बताया कि सारा के अंतर्गत 10 विभागों द्वारा 08 करोड़ 59 लाख की डीपीआर तैयार कर दी गई है जिसमे 62 क्रिटिकल वाटर सोर्स, 35 रिचार्ज शाफ्ट, 17 रिचार्ज पिट, 28 स्रोतों के सुधारीकरण के कार्य किए जाने है। अमृत सरोवर के तहत कैंची धाम के निकट शिप्रा नदी और सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की खाली पड़ी भूमि पर जल संवर्धन संरक्षण हेतु बड़े जलाशयों के कार्य भी किए जाने है। डीएम ने लघु सिंचाई पेयजल निगम वन विभाग को जल्द से जल्द इन कार्यों को शुरू करने के निर्देश दिए। कहा की इन स्वीकृत डीपीआर में सारा और विभागीय योजना से कार्य किए जाएंगे। 50 प्रतिशत की धनराशि विभागीय मद से और अवशेष 50 प्रतिशत का कार्य सारा के तहत अनुमोदित किया जाना है। सारा के अंतर्गत जिले के 08 ब्लॉकों में 47142 के सापेक्ष 22607 खंती, 142 के सापेक्ष 57 रिचार्ज पिट, 104 चाल-खाल के सापेक्ष 89 स्थलों में ही निर्माण किया गया है। लक्ष्य के सापेक्ष न्यून प्रगति होने होने पर सीडीओ ने बताया की मौके पर कार्य हो चुका है किन्तु रिपोर्टिंग पूरी नहीं की है। डीएम ने समस्त बीडीओ को 10 दिन के भीतर ग्राम पंचायतों में कार्य को पूर्ण करने और डीडीओ को प्रत्येक ब्लॉक की रिपोर्टिंग ठीक करने के निर्देश दिए। बैठक में नगर आयुक्त विशाल मिश्रा, डीएफओ रामनगर दिगंत नायक, ईई जल संस्थान रविशंकर लोशली, सिंचाई दिनेश सिंह रावत सहित समस्त बीडीओ और अन्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।